उत्तराखण्ड
नमामि गंगे योजना के तहत कोरोना काल में हुए घोटाले की सीएम ने डीएम से मांगी रिपोर्ट
उत्तराखंड में करीब एक महीने पहले तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद वह सुर्खियों में हैं। उन्होंने कई उन फैसलों को पलटा है जो त्रिवेंद्र सरकार में लिए गए थे। इसके अलावा उन्होंने कई अधिकारियों से पद भी वापस लिया है। और अब मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कोरोना काल में हुए नमामि गंगे योजना के तहत हुए बड़े घोटाले को लेकर जांच की रिपोर्ट मांगी है।
बता दें कि उत्तरकाशी जिले के ग्राम नैताला (रैथल, भटवाङी और बारसू) में जनता से मिली शिकायत पर एक्शन लिया है। मुख्यमंत्री त्वरित समाधान कार्यक्रम के तहत रात्रि चौपाल में लोगों ने वर्चुअल प्रतिभाग किया। इस दौरान सीएम ने ग्रामीणों की समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण किया। चौपाल में कुल 18 शिकायतें प्राप्त हुईं। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कोविड-19 में फर्जी बिलों की शिकायत और नमामि गंगे में गड़बड़ियों की शिकायत पर जिलाधिकारी को 10 दिन में जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने क्षेत्र में पर्यटन की गतिविधियों को बढ़ाए जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।नैताला के वार्ड 2 से जिला पंचायत सदस्य ने कहा कि उनके यहां नमामि गंगे के तहत घाट बनना अति आवश्यक है। वो स्वीकृत भी था, बाद में उसे बनाना निरस्त कर दिया गया। उन्होंने कहा कि गंगा नदी के किनारे स्थित पर्यटन स्थलों के समीप दीवार बनाना भी आवश्यक है, यह बरसात में क्षेत्र के लिए बड़ा खतरा होता है। इस पर मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारी को शीघ्र प्रस्ताव देकर निर्माण करवाने के निर्देश दिए।इस दौरान मुख्यमंत्री ने नमामि गंगे योजना में घोटाले की सूचना मिलने की बात कही और इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाने के निर्देश दिए।