कुमाऊँ
स्व.बिष्णु दत्त उनियाल की स्मृति एवं कोरोनाकाल में पत्रकारिता विषय पर गोष्ठी
कुमाऊं में पत्रकारिता की नींव मजबूत करने में स्वर्गीय उनियाल और “पर्वतीय “की भूमिका अहम:कोश्यारी
नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर स्थित अटल पत्रकारिता एवं जनसंचार केंद्र की ओर से वर्चुअल माध्यम से आयोजित स्व. बिष्णु दत्त उनियाल की स्मृति में ‘कोरोना काल में पत्रकारिता’ विषय पर विचार गोष्ठी में देश विदेश के प्रतिभागियों, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी व सूबे के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत,कुलपति प्रो. एनके जोशी सहित देश के जाने माने पत्रकारों,साहित्यकारों और शिक्षाविदों ने संबोधित किया।
नैनीताल से प्रकाशित हुए उत्तराखंड के पहले हिंदी समाचार पत्र पर्वतीय के संस्थापक पं. बिष्णु दत्त उनियाल को आज उनकी जन्म शताब्दी जयंती पर याद करते हुए राज्यपाल कोश्यारी ने कहा कि कुमाऊं में पत्रकारिता की नींव मजबूत करने में स्वर्गीय उनियाल और पर्वतीय की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही।
हिंदी पत्रकारिता दिवस पर आयोजित सेमिनार में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के पहले दैनिक समाचार पत्र की भूमिका और इसके संस्थापक स्व. बिष्णु दत्त उनियाल के ट्रस्ट के माध्यम से आज तक भी गरीबों और जरूरतमंद लोगों की आर्थिक सहायता के सेवाभाव को सामने लाकर पत्रकारिता विभाग ने बहुत महत्वपूर्ण कार्य किया है। उन्होंने इसके लिए विभागाध्यक्ष प्रो. गिरीश रंजन तिवारी को बधाई देते हुए कहा कि इससे पूरे विवि का मान सम्मान बढ़ा है।
सीएम ने कहा कि कोरोनाकाल में पत्रकारों ने गम्भीर चुनौतियों का सामना कर अपना दायित्व निभा कर एक मिसाल पेश की है।
इस मौके पर कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. एनके जोशी ने स्व. उनियाल का जिक्र करते हुए बताया कि बेहद गरीबी और फाकाकशी तथा टीबी जैसे असाध्य रोग से लड़ते हुए भी उन्होंने अपनी दृढ़ इच्छा से अपना मुकाम पाया जो हर किसी के लिए प्रेरणास्पद है। स्व. उनियाल द्वारा स्थापित ट्रस्ट का लाभ आज तक गरीब तबके के लोगों को मिल रहा है।
स्व. उनियाल की पुत्री डा. सीमा उनियाल मिश्रा ने अपने पिता के जीवन एवं उनके पत्रकारिता के प्रति समर्पण का वर्णन करते हुए अटल पत्रकारिता एवं जनसंचार केंद्र के टॉपर छात्र एवं छात्रा को ट्रस्ट की ओर से 10-10 हजार रुपए की छात्रवृत्ति देने की घोषणा की।
साहित्यकार लक्ष्मण सिंह बिष्ट ‘बटरोही’ एवं उद्घोषक हेमंत बिष्ट ने स्वर्गीय पं. उनियाल के साथ अपने संस्मरणों को प्रस्तुत किया।
प्रो. गोविंद सिंह ने कोरोनकाल में पत्रकारों और छोटे अखबारों की चुनौतियों पर चिंता जताई। भारत-मॉरीशस हिंदी समन्वय केंद्र की संयोजक सविता तिवारी सहित राजस्थान विवि के अमित वर्मा ने कोविड काल में शवों एवं मौतों के चित्रों व समाचारों को नकारात्मक पत्रकारिता बताया।
प्रो. नीरजा टंडन ने पत्रकारिता विभाग की स्थापना में उनियाल ट्रस्ट के योगदान की चर्चा की। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी ने कोविड काल में पत्रकारों के रोजगार और जीवन पर आए दोहरे संकट को गंभीर समस्या बताया।