उत्तराखण्ड
बीएचईएल में सात एमएलडी एसटीपी का लोकार्पण
बीएचईएल ने कोविड काल में राष्ट्रीय धर्म निभाया -अनिल कपूर
हरिद्वार, 01 जुलाई: बीएचईएल हरिद्वार द्वारा अपने फैक्ट्री परिसर तथा उपनगरी सीवेज के शोधन के लिए सात एमएलडी की क्षमता वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की स्थापना की गई है । इसका उद्घाटन एवं लोकार्पण आज यहां बीएचईएल के निदेशक (मानव संसाधन) श्री अनिल कपूर तथा उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव श्री एस. पी. सुबुद्धि ने, बीएचईएल हरिद्वार के कार्यपालक निदेशक श्री संजय गुलाटी की उपस्थिति में किया ।
समारोह को सम्बोधित करते हुए श्री अनिल कपूर ने कहा कि दूषित जल के किसी प्राकृतिक जल स्रोत में मिलने से पहले उसका समुचित उपचार जरूरी है जिससे पर्यावरण पर उसका दुष्प्रभाव न पड़े । उन्होंने कहा कि बीएचईएल के इस सराहनीय प्रयास से भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘नमामि गंगे’ की सफलता में मदद मिलेगी । श्री एस. पी. सुबुद्धि ने कहा कि बीएचईएल का यह कदम देवभूमि हरिद्वार के निर्मल एवं आध्यात्मिक वातावरण को बरकरार रखने में सहायक साबित होगा । श्री संजय गुलाटी ने बताया कि जल प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम के अंतर्गत दूषित जल का निर्धारित मापदंड़ों के अनुसार उपचार किया जाना आवश्यक है । उन्होंने कहा कि हमारी कंपनी का यह प्रयत्न जल प्रदूषण से मुक्त भविष्य का आधार बनेगा ।
उल्लेखनीय है कि यह संयंत्र एसटीपी के प्रयोग में लाई जाने वाली सबसे उत्तम तकनीक ‘सीक्वेंशियल बैच रिएक्टर’ पर आधारित है । इस एसटीपी का निर्माण उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के अनुरूप किया गया है जिससे यह संयंत्र उपनगरी के घरेलू तथा फैक्ट्री सीवेज को प्रभावी तरीके से शोधित करने में सक्षम है । लगभग साढ़े ग्यारह करोड़ की लागत वाले इस संयंत्र की स्थापना में बीएचईएल के उच्च प्रबंधन, पीएसईडी हैदराबाद तथा हीप इकाई के मानव संसाधन एवं कैपिटल इन्वेस्टमेंट आदि विभागों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है ।
इस अवसर पर अनेक महाप्रबंधक, विभागाध्यक्ष, वरिष्ठ अधिकारी, यूनियन एवं एसोसिएशन के प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक तथा बीएचईएल कर्मचारी आदि उपस्थित थे । आयोजन के दौरान कोरोना से बचाव सम्बंधी सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया गया ।