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कुमाऊँ

सैलानी बिना जांच कराए पहुंचे नैनीताल, होटल न मिलने पर निकाला बीच का रास्ता

कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने कोरोना की जांच के बिना 12 राज्यों से लोगों का प्रदेश में आना प्रतिबंधित किया हुआ है, फिर भी अनेक सैलानी बिना जांच के मुख्यालय पहुंच रहे हैं। अच्छी बात यह है कि यहां कई होटल वाले ऐसे बिना जांच कराए पहुंच रहे सैलानियों को अपने होटलों में नहीं रख रहे हैं। वहीं इस बीच चिकित्सालय प्रबंधन की ओर से बीच एक और बीच का रास्ता निकाला गया भी नजर आ रहा है। सैलानियों-लोगों को लक्षणों के आधार पर, कोरोना के लक्षण न दिखने पर उनका तापमान लेकर तत्काल ही पर्ची पर ही मुहर लगाकर कोरोना निगेटिव की रिपोर्ट दे दी जा रही है।

गत दिनों ऐसी ही मुहर लगी रिपोर्ट स्कूली बच्चों को भी दी गई। गौरतलब है कि पिछले दिनों बहुत से लोगों में बिना लक्षणों के भी कोरोना का संक्रमण होने की पुष्टि हुई थी। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि स्वास्थ्य विभाग कहीं जनसामान्य के स्वास्थ्य से खिलवाड़ तो नहीं कर रहा है। वहीं पीएमएस डॉ. केएस धामी ने कहा कि मंगलवार से कोरोना की जांच नए सिरे से तेज की जाएगी।

रविवार को दोपहर में एक समय में बीडी पांडे जिला चिकित्सालय में आधा दर्जन से अधिक सैलानियों का एक समूह पहुंचा था। उन्होंने बताया कि वह रास्ते में ठीक से जांच न होने के कारण बिना जांच के यहां आ गए थे। किंतु होटल वालों ने उन्हें ठहराने से इंकार कर दिया। उन्हें जांच कराकर आने को कहा गया। इस पर वह बीडी पांडे जिला चिकित्सालय आए और यहां जांच करवायी, जिसमें उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। इसके बाद वह होटल जा रहे हैं। इस पर पता चला कि उन्हें मुहर लगी रिपोर्ट ही दी गई। इस बारे में पूछे जाने पर नैनीताल होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश साह ने प्रशासन की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए होटलों द्वारा बरती जा रही सावधानी की प्रशंसा की। साथ ही बताया कि नगर में सैलानियों की भीड़भाड़ पूरी तरह से छंट गई है।

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