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उत्तराखण्ड

राजकीय शिक्षक संघ ने मांगें पूरी ना होने पर आंदोलन का किया ऐलान, ऑनलाइन बैठक में लिया फैसला

राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड की एक महत्वपूर्ण बैठक ऑनलाइन हुई। जिसमें शिक्षा मंत्री की सहमति के बाद भी संगठन में प्रगति ना दिखने के बाद जल्द ही उचित निर्णय ना लिए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

राजकीय शिक्षक संघ की ऑनलाइन बैठक का हुआ आयोजन
राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड की आज एक महत्वपूर्ण बैठक ऑनलाइन हुई। जिसमें दोनों मंडल कार्यकारिणी और 13 जिलों के अध्यक्ष मंत्री तथा प्रांतीय कार्यकारिणी सम्मिलित हुए। इस बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि शिक्षा मंत्री की सहमति के पश्चात भी कुछ प्रगति संगठन को नहीं दिखाई दी है।

जिसके कारण ये सामूहिक निर्णय लिया गया कि अगर मंत्री शिक्षा के द्वारा जिन पर सहमति बनी अगर जल्दी ही उचित उसपर निर्णय नहीं लिया जाता है तो राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड द्वारा बाध्य होकर क्रमबद्ध आंदोलन किया जाएगा।

छात्र हित सर्वोपरि, अतिरिक्त कक्षाएं लेकर होगी भरपाई
इसके साथ ही वार्ता का क्रम जारी रहेगा एवं सर्वसम्मति से ये निर्णय लिया गया कि छात्र हित सर्वोपरि मानते हुए जो व्यवधान उत्पन्न होगा उसकी भरपायी पदाधिकारी अतिरिक्त वादनों से पूर्ण करेगी। इसके साथ ही रविवार को अतिरिक्त कक्षा लगा कर इसकी भरपाई की जाएगी।

संगठन और सरकार में टकराव की स्थिति नहीं आए इसका ध्यान रखा जाएगा। संगठन का मानना है कि सरकार प्रदेश के शिक्षक शिक्षिकाओं की भावनाओं को समझते हुए यथासमय उचित निर्णय लेगी

रविवार को दून में होगी सरकार जागरण रैली
अपनी मांगों को लेकर शिक्षक संघ ने अपने कार्यक्रम की रूपरेखा को जारी किया है। 27 सितंबर को प्रदेश राजकीय शिक्षक संघ सदस्य काली पट्टी बांध कर पठन-पाठन करेगी। आठ अक्टूबर रविवार को देहरादून में सरकार जागरण रैली का आयोजन किया जाएगा।

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16 अक्टूबर को प्रदेश के सभी 13 जिलों में ब्लॉक कार्यकारिणी और जनपद कार्यकारिणी द्वारा ज़िला मुख्यालय पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जाएगा। 26 अक्टूबर को दोनों मंडल कार्यकारिणी मंडल मुख्यालय पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जाएगा। जिसके बाद 30 अक्टूबर को प्रदेश मुख्यालय में प्रदेश कार्यकारिणी एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करेगी।

राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड का कहना है कि इस सबके बाद भी अगर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाता है तो बाध्य होकर राज्य स्तर पर बृहद आंदोलन किया जाएगा। जिसकी पूरी जवाबदेही विभाग और शासन प्रशासन की होगी।

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