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कुमाऊँ

कुनखेत में बनी झूलापुल की हालत खस्ता,खतरे में है यह पुल

अल्मोड़ा। जिले में पिछले साल आयी आपदा से विकास खंड भैसियाछाना के कुनखेत में बनी पुल की नींव पूरी तरह ध्वस्त हो जाने के बाद एक साल बीत गया लेकिन हालात जस की तस हैं। मामला कुनखेत का है। यहां जैगन नदी के बीच में बना झूला पुल का निर्माण कार्य सन 2010 में तत्तकालीन सरकार व लोक निर्माण विभाग के द्धारा किया गया था। जो विगत वर्ष नट बोलटों में जंग लगने से और भारी बारिश व आपदा से पुल की नींव खराब हो चुकी है।

समिति के अध्यक्ष प्रताप सिंह नेगी , समिति के सचिव नंदन राना व समाजिक कार्यकर्ता कुन्दन सिंह बोरा ने इस पुल की बदहाल स्थिति को देखकर खंड लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता व भूतपूर्व विधायक को बार बार गुहार लगाई। लेकिन भूतपूर्व विधायक ने अपने स्तर से पुल की नींव व पुल के नोट बोलटो के आपदा काल में धन राशि भी स्वीकृत की। फिर भी काम अधूरा है। आपको बता दें क्षेत्रीय पंचायत मंगल रावत द्वारा अक्टूबर में इस पुल को जल्द से जल्द मरम्मत कराने के लिए कुछ धन राशि दी गई । लेकिन बाद में शासन प्रशासन की ओर से क्षेत्रीय पंचायत सदस्य मंगल रावत को इस पुल के काम को सुचारू रूप से चलाने के अधिसासी अभियंता ने कोई कार्रवाई नहीं की।
झूला पुल ग्राम सभा नौगांव लिगुडता के लिए नहीं बल्कि ये झूला पुल एक मात्र पैदल पुल, जो बागेश्वर के सीमांत के गांव को भी जोड़ता है। इस पुल से चनोली,बैदीबैगड,पारखेत, सैंज,खौल गांव,काफलीगैर आदि दर्जनों गांव लाभान्वित होते हैं।

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रीठागाडी दगड़ियों संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रताप सिंह नेगी, सचिव नन्दन राना, समाजिक कार्यकर्ता कुंदन सिंह बोरा, देवेन्द्र सिंह बोरा,राजू भंडारी, गोबिंद सिंह बोरा,प्रेम सिह बोरा, महेन्द्र सिंह भंडारी, दीवान सिंह भंडारी, क्षेत्रीय पंचायत सदस्य मंगल रावत, जगत सिंह बोरा आदि ग्रामीणों ने इस पुल के निमार्ण कार्य को जल्द से जल्द कराने की मांग की।

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