कुमाऊँ
पुलिस पर हजारों का चालान काटने का आरोप, पीड़ित ने न्याय के लिए चितई में लगाई गुहार
अल्मोड़ा।कोरोनावायरस के संक्रमण के चलते लोग घरों में बंद है दूसरी ओर पुलिस अपना कार्य बखूबी निभा रही है। इसके बावजूद सोशल मीडिया पर पुलिस द्वारा जबरदस्ती चालान काटने का आरोप लगाया गया है। बात यहीं खत्म नहीं हुई कुमाऊं में न्याय देवता के नाम से माने जाने वाले गोल्ज्यू के दरबार में भी न्याय के लिए अर्जी लगा दी गई,जिसके बाद पुलिस प्रशासन में हडक़ंप मच गया है।
जानकारी के अनुसार चितई निवासी दीपक सिराड़ी ने मीडिया को बताया कि मंगलवार को वह दवा लेने के लिए अल्मोड़ा आया था। अल्मोड़ा आने के लिए उसने गांव के किसी परिचित से बाइक मांगी थी। दवाई के लिए पहले वह जिला अस्पताल गया, लेकिन वहां पूरी दवा नहीं मिलने पर वह प्रकाश मेडिकल स्टोर पहुंचा। इस दौरान उसके पास घर से फोन आया कि दादी की तबियत बहुत खराब है। ऐसे में जल्दबाजी में वह बाइक तेज चलाता हुआ चितई को रवाना हो रहा था। तभी शिखर होटल के तिराहे में पुलिस ने उसे रोक लिया। दीपक का आरोप है कि पुलिस ने उस पर हेल्मेट नहीं पहनने, तेज गति से बाइक चलाने समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया। इसके बाद उसे कोतवाली लाया गया जहां उसका पूरे 16500 रूपये का चालान काट दिया। उसने कई बार विनती की लेकिन नहीं माने। उसका कहना है कि उसकी गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने हेल्मेट नहीं पहना था, लेकिन संबंधित पुलिस अधिकारी ने अपने अधिनस्तों को कहा कि इस पर इतनी धाराएं लगाना की एक भी धारा छूटने न पाये। पीड़ित ने कहा “”मैं गलत हुआ तो मेरा नाश हो, नहीं तो उनका सर्वनाश हो।””
उसने पुलिस अधिकारियों से आग्रह किया है कि इस मामले की जांच के लिए शिखर तिराहे में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की जाये। जिसमें यह साफ हो जायेगा कि उस पर जो आरोप लगाये है वह कितने सही है। लेकिन पुलिस अधिकारियों ने उसकी एक न सुनीं। जिसके बाद युवक पूरी तरह से निराश हो गया। वह थकाहारा घर लौटा। अपनी साथ हुई घटना से वह परेशान हो गया। जिसके बाद उसने फेसबुक में अपने साथ हुई घटना का जिक्र करते हुए चितई के गोल्ज्यू मंदिर में एक अर्जी भी लगाई है। जिसमें उसने लिखा है कि अगर उस पर लगी धाराये सही है तो उसका नाश हो जाये, नहीं तो जैसे मेरे घर में मेरी मां रो रही है वैसे उनके घर में सर्वनाश हो जाय। गोल्ज्यू देव के दरबार में लगी यह अर्जी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। युवक का कहना है कि वह बेहद गरीब है । होटल में बर्तन साफकर 2500 रूपया मासिक कमाता है। लॉकडाउन के चलते दो माह से घर पर खाली बैठा है। ऐसे में वह इतनी बड़ी धनराशि कहां से देगा।
इस मामले मेंं एसएसपी अल्मोड़ा पंकज भट्ट का कहना है कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है। संबंधित युवक जितनी बड़ी धनराशि के चालान की बात कर रहा है। उतनी राशि का कोई चालान नही होता है। सीओ तपेश कुमार ने उनका चालान किया है। सोशल मीडिया में यह पोस्ट देखने के बाद उन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच अब सीओ अल्मोड़ा को सौंप दी गई है।अब देखना यह है कि मित्र पुलिस कही जाने वाली पुलिस इस पर क्या कदम उठाती है।