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पूर्व भाजपा नेता ने आपदा के कार्यों में लापरवाही का विभागों पर लगाया आरोप। गैर जिम्मेदार अधिकारियों पर जिलाधिकारी से कठोर कार्रवाई की करी मांग। मुख्यमंत्री को भी कराया जायेगा अवगत।

रिपोर्ट- विनोद पाल

टनकपुर – पूर्व भाजपा नेता व पूर्व जिलाध्यक्ष दीपचंद पाठक ने चम्पावत जिलाधिकारी मनीष कुमार को मुख्य साथ बिंदुओं से अवगत कराते हुए ज्ञापन सौपा। उन्होंने टनकपुर- बनबसा व पर्वतीय क्षेत्रों में जलभराव और भू-कटाव से मुक्ति दिलाने की मांग करते हुए आपदा प्रभावित पीड़ितों को ज्यादा से ज्यादा मुआवजा देने की मांग करी। उन्होंने विभागों पर आरोप लगाते हुए किये गये आपदा बाढ़ नियंत्रण कार्यों की जाँच कर गैर जिम्मेदार अधिकारीयों पर कठोर कार्यवाही किये जाने की भी मांग करी। साथ ही उन्होंने आपदा कार्यों में आवंटित हुए लाखों रुपयों व ऑल वेदर मार्ग में खर्च हुए करोड़ों रुपयों का ब्यौरा सार्वजनिक करने की मांग करी।उन्होंने इस सम्बन्ध में जल्द ही मुख्यमंत्री को भी अवगत कराने की बात कही।

दीपचंद पाठक ने ज्ञापन के माध्यम से जिलाधिकारी को अवगत कराया की पिछले कई वर्षों से पर्वतीय क्षेत्र के चलथी,अमोडी,बिलोना आदि क्षेत्रों भू कटाव हुआ है। वहीं मैदानी क्षेत्र के टनकपुर ग्रामीण छेत्र में उचोलीगोठ,थवालखेड़ा, गेंडाखाली, छीनीगोठ, के साथ बनबसा क्षेत्र में भीषण भू कटाव हुआ है। जिसके चलते कई एकड़ भूमि बगीचे आपदा की भेट चढ़ गए। पिछले वर्ष की आपदा से गैर जिम्मेदार अधिकारीयों ने कोई सबक नहीं नहीं लिया और आपदा कार्यों को समय रहते पूरा नहीं किया गया। इसलिए यह आपदा का कारण कहीं न कही उन विभागों की लापरवाही है जिन विभागों को आपदा क्षेत्रों में आपदा ,बाढ़ नियंत्र हेतु लाखों रुपए आवंटित किए गए। जिसमें आपदा ,बाढ़ नियंत्रण के कार्यों में घोर लापरवाही की गई जिसके चलते गत वर्ष की जैसी आपदा और बाढ़ स्थितियां उत्पन्न हुई। मांग करते है की आपदा प्रभावित क्षेत्र की खुली जनसुनवाई करते हुए भविष्य के लिए मजबूत बंदे के निर्माण किए जाएं और गत वर्ष आपदा कार्यों में किए गए कार्यों की जाँच करते हुए लापरवाही करने वाले गैर जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाय। साथ ही क्षेत्र की जनता को गत वर्ष में आपदा क्षेत्र में कितने रुपए किस आपदा /बाढ़ नियंत्रण बचाव एवं स्थाई,अस्थाई निर्माण कार्य में खर्च किए और किस-किस स्थान पर किए उसे सार्वजनिक किया जाय, जिससे इनकी लापरवाही जग जाहिर हो सके।

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ऑल वेदर सड़क में स्वाला सहित उन सभी स्थानों का करोड़ों रुपए का ब्यौरा भी सार्वजनिक करते हुए लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाय जिनके द्वारा करोड़ों खर्च करने के बाद भी सड़क हल्की बारिश में ही लंबे समय के लिए अवरुद्ध हो जाती है । अंतर्राष्ट्रीय सीमा जोड़ने वाली ऑल वेदर सड़क बंद होने के कारण स्थानीय जन, व्यापारीयों को भारी कठिनाइयों का सामना पड़ता है जिसका जल्द से जल्द उचित समाधान किया जाये।जल्द से जल्द उचित समाधान किया जाय।

टनकपुर ककराली गेट से N.H. किनारे जगबुड़ा पुल बनबसा तक बनने वाली बरसाती नहर का निर्माण शासन स्तर से वार्ता कर अति शीघ्र प्रारंभ किया जाय।

बरसात के दिनों में पूर्णागिरि मार्ग में बाटनागाड़ के उफान पर आने से मार्ग कई दिनों के लिए अवरुद्ध हो जाता है जिस कारण विभिन्न राज्यों से मां पूर्णागिरि के दर्शन करने पहुंच रहे तीर्थ यात्रीयों व स्थानीय लोगो को भारी समस्याओ का सामना करना पड़ता है जिसका समय रहते स्थाई समाधान किया जाय अन्यथा भविष्य में उससे लगे ग्राम सभा उचोलीगोठ सहित ग्राम तोक में बड़ी आपदा का खतरा बनता जा रहा है।बाटनागड में सरकार द्वारा बड़ा पुल भी प्रस्तावित है। जिसका कार्य अभी तक जनता के सामने नहीं आया है।

करोड़ा नाले में स्थाई बंदा बनाया जाय जिससे हजारों परिवार बाढ़ और जलभराव से बच सकेंगे।पिछले बार आपदा आने बाद कीरोड़ा नाले में अस्थाई बंदा बनाया गया था जिसके कारण अभी तक यह क्षेत्र बाढ़ से बचा हुआ है, परंतु इसमें किये गये खर्च रुपयों के व्यय को भी सार्वजनिक किया जाये।

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पर्वतीय छेत्र में चलथी, धोन, दियूरी, मोटर मार्ग अति शीघ्र निर्माण किया जाय, साथ ही अन्य वैकल्पिक मार्गों को स्थाई रूप से दुरुस्त किया जाय जिससे आम-जन को यात्रा करने में अवरोध न हो।

टनकपुर नगर में कुछ माह पूर्व हुए घटिया डामरीकरण की जांच के साथ ठोस कार्यवाही होनी चाहिए। उस समय ठंडा डामर डालने व घटिया गुणवत्ता के साथ उनकी लापरवाही को रंगे हाथ पकड़ कर विरोध किया गया था। पुरानी सड़क को बीना उखाड़े या खुरदरा किए बिना ही डामर किया गया जिस पर हमारे एवं क्षेत्रीय जनता द्वारा सवाल उठाए गए थे परंतु कोई कार्यवाही नहीं हुई और फल स्वरूप घटिया डामरीकरण जगह जगह उखड़ गया, सड़क में गड्ढे शुरू हो गए जो घटिया डामरीकरण का प्रमाण है । जिन्हें मात्र रिपेयर न कर कर पुनः निर्माण पूर्ण गुणवत्ता वाला डामरीकरण कराया जाये।

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