गढ़वाल
ऑक्सीजन सिलेंडर एंबुलेंस में खत्म,महिला ने तोड़ा दम
राज्य में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी की वजह से न जाने कितने लोगों की जान चली जा रही है और एक ऐसा ही वाक्य टिहरी गढ़वाल जिले का सामने आया जहां पर कोरोना संक्रमित महिला सफाई कर्मी की कोविड सेंटर पहुंचने से पहले ही मौत हो गई। महिला सफाई कर्मी को जिस एंबुलेंस से कोविड सेंटर ले जाया जा रहा था, उसमें ऑक्सीजन खत्म हो गई थी। जिसके बाद महिला की सांसें उखड़ने लगीं और उसने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया। घटना के बाद डीएम ने मामले में संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य विभाग को हर एंबुलेंस में दो-दो सिलेंडर रखने के निर्देश दिए हैं, ताकि ऐसी अनहोनी दोबारा न हो।
मरने वाली महिला की शिनाख्त बौराड़ी स्थित वाल्मीकि बस्ती में रहने वाली सुषमा के रूप में हुई। बीती शाम सुषमा की तबीयत खराब हो गई थी, उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। जिस पर परिजन उन्हें जिला अस्पताल लेकर गए। महिला की हालत बिगड़ रही थी, ऐसे में उसे इलाज के लिए नरेंद्रनगर स्थित कोविड सेंटर रेफर किया गया था। एक एंबुलेंस महिला को कोविड सेंटर लेकर जा रही थी, तभी चंबा के पास नागणी में ऑक्सीजन सिलेंडर खाली हो गया। जिस वजह से मरीज की रास्ते में ही मौत हो गई। घटना के बाद डीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए थे।जांच में पता चला कि एंबुलेंस में नया सिलेंडर लगाया गया था। एक सिलेंडर तीन घंटे तक चल जाता है, लेकिन शायद सिलेंडर में लीकेज था। जिस वजह से ऑक्सीजन जल्दी खत्म हो गई। महिला की हालत भी बेहद गंभीर थी। उसका ऑक्सीजन लेवल 35 था, इलाज में हुई देरी के चलते महिला की हालत बिगड़ गई थी। कोरोना के चलते जान गंवाने वाली सफाईकर्मी सुषमा सिर्फ 44 साल की थी। पति की साल 2008 में मौत हो गई थी, ऐसे में सुषमा ही तीन बच्चों की परवरिश कर रही थी। मां की मौत के बाद बच्चे अनाथ हो गए हैं, उन्हें मदद की दरकार है। मृतक के परिजनों का कहना है कि सुषमा कोरोना काल में सफाई के दौरान ही संक्रमण की चपेट में आई थी, उसकी मौत के बाद बच्चों के सामने परवरिश का संकट पैदा हो गया है। उन्होंने मृतक के परिजन को सरकारी नौकरी और आर्थिक मुआवजा देने की मांग की है।