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उत्तराखण्ड

क्रिस्टल की संपत्ति से अवैध कब्जा हटाने ,सीमांकन कराने पहुंची टीम

हल्द्वानी। क्रिस्टल कॉर्पोरेशन की रानीबाग स्थिति संपत्ति,प्रिंटिंग प्रेस में किए गए अवैध कब्जे को हटाये जाने तथा जमीन की सीमांकन करने को लेकर आज उच्च न्यायालय दिल्ली के समापकीय कार्यालय के ऑफिसर , तहसीलदार, कानूनगों नैनीताल, राजस्व निरीक्षक रानीबाग ने मौके में जाकर कार्यवाही की। ज्ञात हो कि कंपनी के पूर्व में कार्यरत प्रबन्धक की मिलीभगत के चलते निचले कोर्ट द्वारा वर्ष 2002 में उक्त सम्पति से 6 नाली जमीन नीलामी करायी गई। जबकि वर्ष 2001 में उक्त संपत्ति हाइकोर्ट के अधीन लिक्यूडेसन में थी। 6 नाली जमीन नीलामी के बाद तथाकथित कब्जेदार ने उससे लगी पूरी कीमती सम्पति में भी अवैध रूप से कब्जा करना शुरू किया। यही नहीं मौके में बिल्डिंग मैटेरियल ईट भंडारण आदि कर दिया। जो कि सेक्यूरिटी की मौजूदगी में ही सबकुछ हो गया। अवैध कब्जा हटाने के लिये क्रिस्टल कर्मचारी,प्रबन्धक निवेशक समिति की बार-बार शिकायत के बाद आखिरकार दिल्ली हाईकोर्ट हरकत में आया और तहसीलदार नैनीताल को सीमांकन कराने को पत्र लिखा।

गौरतलब है कि क्रिस्टल कारपोरेशन की रानीबाग स्थिति करोड़ों की संपत्ति पर लम्बे समय से माफियाओं की नजर है। हाईकोर्ट दिल्ली के समापकीय कार्यालय से आये अधिकारी ने बताया कि दिल्ली हाइकोर्ट के द्वारा 12 दिसम्बर 2020 को लिक्यूडेसन के तहत नीलामी के आदेश किये जा चुके हैं। जो विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित भी हो चुका है। इसी के तहत उक्त जमीन के खरीददार भी आ रहे हैं परंतु मौके में अवैध कब्जा होने की बजह से खरीददार हाथ आगे नहीं बड़ा पा रहे हैं। इसलिए सर्व प्रथम अवैध कब्जा हटाया जाना आवश्यक है। तभी उक्त सम्पति की नीलामी हो सकेगी।
इधर आज क्रिस्टल कर्मचारी प्रबन्धक निवेशक समिति के अध्यक्ष गोपाल बोरा के नेतृत्व में दर्जनों निवेशक,शेयर होल्डर मौके पर पहुँचे उन्होंने एक्स मैनेजमेंट व हाईकोर्ट दिल्ली के समापक के प्रति नाराजगी जताई। निवेशक समिति का कहना है कि जब सेक्युरिटी के नाम पर प्रतिमाह लाखों रुपये का भुगतान किया जा रहा है व किया गया है , तो मौके की जमीन में सेक्युरिटी होते हुये कब्जा कैसे हुआ। उन्होंने कहा सुरक्षा गार्ड के नाम पर एक छोटा बच्चा वहाँ तैनात है। कब्जेदार जमकर कम्पनी की जमीन से प्रति वर्ष लाखों का कारोबार चलाते आ रहा है। निवेशक समिति ने चेतावनी दी है कि जल्द से जल्द अगर कब्जा नहीं हटाया गया तो वह स्वयं मौके पर अपना टेंट गाड़ने में देर नहीं लगाएंगे। उनका लाखों रुपया कम्पनी में लगा हुआ है।
मौके पर आए तहसीलदार, कानूनगो, पटवारी ने आज सीमांकन का कार्य पूरा कर मौके पर चुना इत्यादि डाल दिया है। आगे अवैध कब्जा तोड़ने डिमार्केशन के आधार पर पक्का चाहदीवारी हाईकोर्ट के आदेशानुसार कराया जाना बाकी है। इस अवसर पर दिल्ली हाई कोर्ट के समापक कार्यालय से पहुंचे अफसर ने स्वयं मौके के हालात देखे, उन्होंने भी स्वीकार किया कि कम्पनी की उक्त सम्पति में खाता संख्या 9 के खेत नम्बर 616 के अलावा कम्पनी की बाकी संपत्ति पर अवैध तरीके से कब्जा हुआ है।

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