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उत्तराखण्ड

प्रदेश सरकार सरकारी कर्मचारियों के वार्षिक स्थानांतरण नीति में बदलाव, हरियाणा के तर्ज पर हो सकती है लागू

प्रदेश सरकार सरकारी कर्मचारियों के वार्षिक स्थानांतरण के लिए बनने वाली नीति में बदलाव की तैयारी कर रही है। यह नीति हरियाणा में लागू स्थानांतरण नीति की तर्ज पर बनाई जा सकती है।

शासन ने इसके लिए शुक्रवार को अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में बैठक बुलाई है। इसमें शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग के साथ ही विभिन्न कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों को भी सुझाव देने के लिए आमंत्रित किया गया है।

परिभाषा पर कई बार हो चुका है विवाद
प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के वार्षिक स्थानांतरण के लिए वर्ष 2017 में नीति बनाई। इस नीति के अनुसार हर वर्ष पात्र कर्मचारियों में से 10 प्रतिशत कर्मचारियों के सुगम से दुर्गम व दुर्गम से सुगम में स्थानांतरण होते हैं। इनमें सुगम व दुर्गम की जो परिभाषा दी गई है, उसे लेकर कई बार विवाद हो चुके हैं।

कर्मचारी संगठनों ने इसके लिए सरकार से नीति में संशोधन की मांग की थी। इस कड़ी में शिक्षा विभाग ने कई राज्यों की नीति का अध्ययन किया। इसमें हरियाणा की नीति को उत्तराखंड के लिहाज से अनुकूल माना गया।

इस नीति में जिला मुख्यालय से दूरी के हिसाब से सेवा काल व सुगम व दुर्गम की परिभाषा दी गई है। यही कारण है कि शुक्रवार को प्रस्तावित बैठक में शिक्षा विभाग को भी आमंत्रित किया गया है

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