उत्तराखण्ड
राज्य सरकार पर अगले साल तक बजट के बराबर हो जाएगा कर्ज, केंद्र की मदद पर रहना होगा निर्भर
गैरसैंण। कल प्रदेश का वित्तिय वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया गया। जिसके बाद हैरान कतर देने वाली बात सामने आयी है। ये विचित्र संयोग है कि जब आगामी वित्तीय वर्ष समाप्त होगा तो राज्य पर 77 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज हो चुका होगा।
उत्तराखंड को देश का अग्रणीय राज्य बनाने के लिए धामी सरकार ने संकल्प लिया है। लेकिन वर्ष 2025 तक धामी सरकार ने राज्य को देश का अग्रणीय राज्य बनाने के लिए जो संकल्प लिया है उसके लिए अब धामी सरकार को हर साल की तरह केंद्रीय इमदाद और कर्ज पर निर्भर रहना होगा।प्रदेश पर बढ़ रहा है।
कर्ज का बोझसाल दर साल प्रदेश के बजट का आकार बढ़ रहा है। इस साल राज्य का बजट का आकार बढ़कर 77407.08 करोड़ तक पहुंच गया है। लेकिन सिर्फ प्रदेश के बजट का आकार ही नहीं बढ़ रहा है।
इसके साथ राज्य पर कर्ज का बोझ भी बढ़ रहा है।आगामी वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर राज्य पर 77 हजार करोड़ से अधिक का होगा कर्जविचित्र संयोग है कि जब आगामी वित्तीय वर्ष समाप्ति पर होगा तो राज्य पर 77 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज हो चुका होगा।
सदन पटल पर सरकार के वार्षिक वित्तीय विवरण पेश होने के बाद यह खुलासा हुआ है। राज्य पर 31 मार्च 2023 तक 68844 करोड़ का कर्ज होने का अनुमान लगाया गया है।