उत्तराखण्ड
नगर पालिका परिषद के पर्यावरण मित्रों का दूसरे दिन भी कार्य बहिष्कार रहा जारी, मुख्यमंत्री विधायक प्रतिनिधि के प्रयासों से एक माह का वेतन हुआ रिलीज
टनकपुर ( चम्पावत) नगर पालिका परिषद में वेतन विवाद थमने का नाम नहीं लें रहा हैं, वेतन न मिलने से नाराज पर्यावरण मित्र पिछले 24 घंटे से कार्य बहिष्कार पर हैं। वहीं इस मसले के बाद चेयरमेन और ईओ खुलकर आमने सामने आ गये हैं। इस मामले में मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय को आखिर हस्तक्षेप करना पड़ा, मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि दीपक रजवार के हस्तक्षेप के बाद आखिर सफाई की कार्यदायी एजेंसी केपीएस के एमडी नें एक महीने का वेतन रिलीज किया, लेकिन कर्मचारी दो महीने का वेतन दिए जाने की मांग पर आंदोलन में डटे हैं। कर्मचारियों नें होली का त्यौहार, बैंक की किश्ते, बिजली पानी का बिल और घरेलू खर्चे एक महीने के वेतन में पूरा होना असंभव करार दिया, वहीं एमडी द्वारा एक महीने का वेतन बुधवार को रिलीज किये जाने का आश्वासन दिया गया हैं।
उल्लेखनीय हैं कि एजेंसी में कार्यरत कर्मियों के दो महीने के वेतन का भुगतान न होनें से कर्मचारी भड़क गये, गुस्साए कर्मियों नें सोमवार की दोपहर से “दाम नहीं तो काम नहीं” के तहत कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया। जिसके बाद चेयरमेन विपिन कुमार और अधिशाषी अधिकारी आमने सामने आ गये। लेकिन कर्मचारियों की समस्या का समाधान अधर में लटका हुआ हैं। ईओ के मुताबिक भुगतान की प्रक्रिया 4 मार्च को ही पूरी कर फ़ाइल पालिकाध्यक्ष को भेज दी गयीं हैं। वहीं चेयरमेन के अनुसार आयी हुई फ़ाइल उनके कार्यकाल शुरू होनें से पहले की बतायी जा रहीं हैं। लेकिन इस मामले में केपीएस कर्मचारी बीच में पिसते नजर आ रहे हैं। वहीं पालिका सभासदों और चेयरमेन समर्थको के बीच के हंगामे नें मामले को और जटिल बना दिया है, हंगामे के बाद बोर्ड की आपातकालीन बैठक जारी है, जिसके फैसलों की जानकारी सामने आना अभी बाकी है। हालांकि वर्तमान में नगर पालिका परिषद हाई प्रोफ़ाइल ड्रामे का केंद्र बन हुई है।
गौरतलब है कि नगर पालिका परिषद में पिछले पालिका बोर्ड में चेयरमेन विपिन कुमार, अधिशाषी अधिकारी भूपेन्द्र प्रकाश जोशी, सफाई एजेंसी केपीएस रहीं है और आज भी बहुत कुछ वैसा ही है, लेकिन पिछले कार्यकाल में सभी कार्य शान्तिपूर्वक होते रहें, आखिर इस बार ये विवाद होना समझ से परे है, जो एक बड़ा सवाल है। हालांकि विधायक प्रतिनिधि के हस्तक्षेप से आधे वेतन के मामलें का तो समाधान हो गया है, आधा कब निपटता है ये देखने वाली बात है, अलबत्ता कर्मचारियों का आंदोलन अभी भी जारी है।


