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उत्तराखण्ड

टनल हादसा : रेस्क्यू की क्लोज मॉनिटरिंग के बाद PMO का फैसला, भारतीय सेना की ली जाएगी मदद

उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में हुए भूस्खलन के बाद बचाव अभियान चौथे दिन भी जारी है। टनल में हुए भूस्खलन के बाद सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को निकालने के लिए बचाव अभियान तेजी से चल रहा है। रेस्क्यू की क्लोज मॉनिटरिंग के बाद पीएमओ ने बड़ा फैसला लिया है।

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रेस्क्यू के लिए ली जाएगी भारतीय सेना की मदद
मंगलवार रात को ड्रिलिंग मशीन फेल होने के बाद पीएमओ ने बड़ा फैसला लिया है। टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए अब भारतीय सेना की मदद ली जाएगी। अब सेना की हेवी मशीन ड्रिल करेगी।

दोपहर तक सिलक्यारा पहुंचेगी मशीन
बता दें सेना का मालवाहक हरक्यूलिस बुधवार दोपहर तक मशीन लेकर चिन्यालीसौड हवाई पट्टी पहुंचेगा। इसके बाद मशीन को सिलक्यारा ले जाया जाएगा। बता दें श्रमिकों के रेस्क्यू अभियान में कन्सल्टेंसी के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनियों को भी इनवॉल्व किया गया है।

तकनीकी खराबी आने से आई रेस्क्यू में रुकावट
मंगलवार को रात करीब 12 बजे मशीन से ड्रिलिंग का काम शुरू हुआ। इसके साथ ही श्रमिकों को बचाने की उम्मीद भी बढ़ चलीं। सुरंग के अंदर मलबे में पहला पाइप डालने के लिए ड्रिलिंग शुरु हुई, लेकिन ऑगर ड्रिलिंग मशीन में तकनीकी खराबी आ गई।

सुरंग के बाहर मौजूद मजदूरों ने किया प्रदर्शन
सुरंग के बाहर मौजूद अन्य मजदूरों के सब्र का बांध अब टूटता नजर आ रहा है। आक्रोशित मजदूरों ने बैकअप में दूसरी मशीन नहीं रखने और रेस्क्यू काम में ढिलाई बरतने का आरोप लगाते हुए सुरंग के बाहर प्रदर्शन किया।


सुरंग में फंसे मजदूरों की बिगड़ रही तबियत

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सुरंग में फंसे मजदूरों की तबियत अब बिगड़ने लगी है। अंदर फंसे लोगों ने बुखार, बदन दर्द और घबराहट की शिकायत बताई थी। जिसके बाद अधिकारियों ने उन्हें पाइप के जरिए दवाएं भेजी हैं। उसके साथ ही एक पर्चे में उन्हें लेने की विधि भी लिखकर भेजी है।

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