कुमाऊँ
फर्जी दस्तावेज पेश कर सेना में भर्ती हुए दो युवक गिरफ्तार
जिंदगी में सफलता का कोई शॉर्टकट रास्ता नहीं है यह चीज साबित हो गई, इंसान शॉर्टकट मारकर जिंदगी में सफलता जरूर पा लेता है लेकिन यह सफलता उसके जिंदगी भर कामयाब नहीं रहती, कुछ एक ऐसा ही वाक्य उत्तराखंड में नैनीताल जिले का सामने आया जहां पर उत्तर प्रदेश के दो युवकों ने फर्जी तरीके से उत्तराखंड के दस्तावेज बनाकर सेना में भर्ती पा ली लेकिन सरकारी विभाग तो सरकारी है जब उसने अपने तरीके से सत्यापन दस्तावेजों का किया तो उसमें इनके दस्तावेज नकली पाए गए जिसके बाद इनके ऊपर कठोर कार्रवाई की । बता दें कि पूरा मामला रामनगर इलाके का है जहां पर सेना की भर्ती प्रक्रिया को फर्जी तरह से पास करने का मामला सामने आया है। दो युवकों को अलग अलग मामलों में गिरफ्तार कर लिया गया है। जिसमें से एक को रानीखेत ट्रेनिंग सेंटर से गिरफ्तार किया गया है।
बताया जा रहा है कि दोनों ही युवक उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। दोनों ही फर्जी स्थायी, जाति प्रमाण पत्र व आधार कार्ड का सहारा लेकर सेना में भर्ती हुए थे। मगर यह शॉर्टकट पुलिस और सेना की संयुक्त पड़ताल के बाद विफल हो गया।उत्तरप्रदेश के फलेदाबांगर थाना रबुपुरा जिला गौतमबुद्धनगर निवासी आकाश सिंह पुत्र हंसराज सिंह बीते साल जुलाई में रानीखेत में हुई सेना भर्ती में पास हुआ था। मगर यहां उसने फर्जी जाति व स्थायी प्रमाण पत्र का सहारा लिया था। बता दें कि मौजूदा वक्त में आरोपित कुमाऊं रेजीमेंट रानीखेत में ट्रेनिंग ले रहा था। जिसे कोतवाली के एसआइ वीरेंद्र बिष्ट के अनुसार मंगलवार को रानीखेत से गिरफ्तार कर लिया।
एसआई बिष्ट ने बताया कि इस मामले में नगर पालिका के कर्मचारी व तहसील के पटवारी की भी भूमिका रही होगी। इसके अलावा एक अन्य मामले में हसनपुरकला थाना किठौर मेरठ उत्तरप्रदेश के निवासी कपिल पुत्र प्रताप सिंह ने भी फर्जी तरह से सेना में जगह बनाई थी। इसने रामनगर आमपोखरा का आधार कार्ड बनाकर उत्तराखंड के कोटे से उप्र में सेना में वर्ष 2019 में नौकरी पा ली थी।इस मामले पर पीरूमदारा चौकी इंचार्ज भगवान सिंह महर ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फरवरी 2020 में कपिल ट्रेनिंग के बाद जाट रेजिमेंट फतेहगढ़ में भर्ती हो गया था। मगर जब आधार कार्ड सत्यापन के लिए पुलिस जांच हुई तो प्रमाण पत्र व आधार कार्ड फर्जी पाए गए। बहरहाल आरोपितों कोग गिरफ्तार कर लिया गया है।