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कुमाऊँ

उधम सिंह नगर में नहीं रुक रहा महिलाओं पर अत्याचार नहीं मनाएंगे होली – सुब्रत विश्वास

रुद्रपुर। महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को देखते हुए सुब्रत कुमार ने इस वर्ष की होली कार्यक्रम नहीं मनाने का फैसला लिया है । भाजपा सरकार की जहां नीति है बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ वही आज भाजपा सरकार उत्तराखंड में महिलाओं के ऊपर हो रहे अत्याचार को नहीं रोक पा रहे हैं । दिन-ब-दिन कई महिलाओं के बलात्कार और हत्या के बारे में आए-दिन सुनने को आ रहा है । आज से 9 महीने पहले 29 जून 2020 को निकिता विश्वास का शक्ति फार्म क्षेत्र की बेटी का निर्मम तरीके से दहेज के लिए हत्या कर दी गई थी, अशोक नगर बिलासपुर रामपुर उत्तर प्रदेश में। अभी भी इंसाफ के लिए स्वर्गीय निकिता विश्वास के माता-पिता भटक रहे हैं । उन्हें इंसाफ नहीं मिल पाया।

गौरतलब है कि 13 फरवरी 2021 को गोविंद नगर निवासी अलका बैरागी आत्महत्या के मामले में लोगों के अंदर आक्रोश होने के बावजूद भी एक आरोपी के सिवाय आरोपी परिवार की किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं की गई बताया जाता है कि आरोपी बीजेपी और आरएसएस के बड़े-बड़े नेताओं के संपर्क था जिस कारण इस हत्याकांड को आत्महत्या के रूप में दिखाने की कोशिश की गई और कई जगह पीड़ित परिवार की सुनवाई नहीं हुई आज ही पीड़ित परिवार इंसाफ की गुहार लगा रहा है । परंतु प्रशासन कहीं ना कहीं दबाव में है।और इस मामले का निष्पक्ष जांच नहीं कर रही है कि इस जांच के खुलते ही भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं के और सितारगंज क्षेत्र के बड़े-बड़े रसूखदार लोगों के नाम खुल सकते हैं। क्योंकि यह मामला वेश्यावृत्ति से जुड़ा हुआ है जिसमें भाजपा नेता अरुण बैरागी अपनी पत्नी से देह व्यापार का धंधा जबरदस्ती कराता था जिससे तंग अलका बैरागी कई बार विरोध करती थी उसी के मद्देनजर भाजपा नेता अरुण बैरागी हत्या कर अपनी पत्नी की लाश फंदे से लटका दिया । पीड़ित परिवार का आरोप है । परंतु पीड़ित परिवार की सुनवाई नहीं ।
वही 21 मार्च 2021 को नगर पंचायत क्षेत्र नेताजी वार्ड की छात्रा स्वर्गीय संजना गायन की लाश उसी के घर में फंदे से लटका हुआ मिला संजना गायन के परिजनों का मानना है कि यह बलात्कार के बाद हत्या की गई है परंतु 28 घंटे तक मुकदमा दर्ज ना होने के बाद समाजसेवियों और गांव वालों ने मिलकर चौकी का घेराव किया और वही धरना दिया तब बड़ी मुश्किल से मुकदमा दर्ज हो पाया, क्षेत्र में कहीं ना कहीं नेताओं की सांठगांठ के कारण महिला सुरक्षित नहीं है कहीं ना कहीं अपराधी प्रवृत्ति के लोग ऐसे घिनौने कृत्य को अंजाम देने में बिल्कुल भी घबराते नहीं है क्योंकि उन्हें मालूम है कि पैसे के बलबूते पर छूट कर या प्रशासन और पीड़ित परिवार को दबाव डालकर और डरा धमका कर बाहर आ जाएंगे,
कहीं ना कहीं उत्तराखंड के अंदर बीजेपी की डबल इंजन की सरकार है परंतु डबल इंजन की सरकार महिला शोषण को रोकने में नाकाम है।
आज देश के अंदर महिला उत्पीड़न के लिए कोई सशक्त कानून नहीं है जिस कारण अपराधी कहीं ना कहीं ऐसे जाघन्न अपराध करने से बिल्कुल भी नहीं डरता।
इसी को मद्देनजर रखते हुए अलका बैरागी निकिता विश्वास संजना गायन इन बहनों को इंसाफ दिलाने के लिए सुब्रत कुमार विश्वास और उन्हीं की तरह कई हजारों युवाओं ने इस वर्ष की होली ना मनाने का फैसला लिया है।
जब बेटी ही घर में सुरक्षित नहीं / तो खुशियां कहां से घर में आएगी।
उधम सिंह नगर क्षेत्र में और उत्तराखंड में कहीं ना कहीं सरकार को महिला सुरक्षा के लिए सोचने की आवश्यकता है। जहां सरकार के बड़े-बड़े नेता महिलाओं पर कपड़े और उनके ऊपर अभद्र टिप्पणी करने से बाज नहीं आते वहां महिला सुरक्षा किस प्रकार होगी यह एक सोचने का विषय है।।

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