उत्तराखण्ड
उत्तराखंड-घर के आँगन,देहरी और दीवारों तक सीमित नहीं रह गयी,उत्तराखंड की प्राचीन ऐपण कला
दन्या अल्मोड़ा। जब भी उत्तराखंड की संस्कृति की बात की जाती है तो हमें एक नाम सबसे पहले याद आता है वो है ऐपण..उत्तराखंड की प्राचीन कला ऐपण अब सिर्फ घर के आँगन,देहरी और दीवारों तक ही सीमित नहीं रह गयी है,अब यह कला पारम्परिक होने के साथ-साथ व्यावसायिक भी हो चुकी है और इसे सही साबित किया है पिथौरागढ़ की रहने वाली ममता जोशी ने जो कि काफी समय से उत्तराखंड की ऐपण संस्कृति के लिए काम कर रही है और काफी हद तक ये आज ऐपण के क्षेत्र मै अच्छा नाम भी बना चुकी है।और उनकी कोशिश लगातार जारी है जो कि सराहनीय है।
आज ममता ऐपण वर्ल्ड के माध्यम से अपने ग्राहकों के लिए नेम प्लेट,पूजा थाल,तोरण,फ्लावर पॉट,दिए,राखियाँ और मंदिर के आसन बना रही है!जो कि अच्छी कीमतों के साथ साथ अच्छी क्वालिटी मै भी उपलब्ध कराए जाते है!इन दिनों ममता ऐपण निर्मित राखियाँ बना रही है जिसे आप भी मंगा सकते है और कुमाऊँ की संस्कृति से जुड़ सकते है इससे कुमाऊँ की संस्कृति का प्रचार प्रसार भी हो जाता है और खुशियाँ भी मिलती है!अन्य जानकारी के लिए आप इन्हें फेसबुक,इंस्टाग्राम और ट्विटर पर(Aipan World Official) सर्च करके इन्हें फॉलो कर सकते है और उत्पाद से संबंधित जानकारी ले सकते है।
पर्वत प्रेरणा ब्यूरो।