गढ़वाल
उत्तराखंड:अफीम की खेती करने पर पति पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज
उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में नशे के समान यानी कि अफीम की खेती की जाती थी, जिसके बाद से पुलिस प्रशासन के द्वारा इसकी खेती करने वाले लोगों के ऊपर लगाम लगाई जा रही है। पुलिस ने इन खेती करने वालों के खेतों को जलाना शुरू कर दिया जिसकी वजह से पहाड़ में जो नशा का कारोबार दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है उसके ऊपर रोक लगा दी , इसके बावजूद भी कई लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं।
प्रदेश के टिहरी और ऊधमसिंहनगर के बाद अब उत्तरकाशी में अफीम की खेती का मामला सामने आया है। यहां बड़कोट में पुलिस ने दुर्बिल गांव में अवैध अफीम की खेती को नष्ट किया। साथ ही अफीम की अवैध खेती कर रहे दंपति के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा भी दर्ज किया है। बड़कोट पुलिस ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए राजस्व उपनिरीक्षक के साथ मिलकर 6 किलोमीटर की दूरी पैदल नापी। तमाम मुश्किलों को पार कर पुलिस टीम किसी तरह गांव में पहुंची और अफीम की खेती को नष्ट किया। जिसके लिए एसपी ने पुलिस टीम को नगद पुरस्कार और राजस्व उपनिरीक्षक को प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा की है।मामला बड़कोट के दुर्बिल गांव का है। कुछ दिन पहले एक महिला ने एसपी मणिकांत मिश्रा को गांव में अफीम की खेती होने की सूचना दी थी। जिसके बाद बड़कोट थाने के एसआई ओमवीर सिंह के नेतृत्व में एक पुलिस टीम का गठन किया गया।
टीम क्षेत्रीय राजस्व उपनिरीक्षक वेदप्रकाश नौटियाल के साथ करीब 6 किमी पैदल चलकर दुर्बिल गांव पहुंची और वहां अफीम की खेती को नष्ट किया। इस मामले में पुलिस ने गांव में रहने वाले प्रद्युम्न और उसकी पत्नी गीता देवी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। बता दें कि उत्तरकाशी क्षेत्र में अफीम की खेती के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। मार्च में पुलिस ने यहां मोरी ब्लॉक में अफीम की खेती करने वाले 21 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी की कार्रवाई की थी। यहां फते पर्वत पट्टी के गांवों में अफीम की अवैध खेती की जा रही थी। किसी को संदेह न हो, इसके लिए आरोपी खेत के चारों तरफ दूसरी फसल उगाकर अफीम की खेती कर रहे थे।