उत्तराखण्ड
ग्राम प्रधान संगठन ओखलकांडा ने अपनी महत्वपूर्ण मांगो को लेकर किया धरना प्रदर्शन
संवाददाता -शंकर फुलारा
ओखलकांडा। ग्राम पंचायत में आ रही समस्याओं के संबंध में प्रधान संगठन निर्मल मटियाली के नेतृत्व में ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ग्राम पंचायतों की समस्याएं भेजी।
1 महोदय आपके द्वारा ग्राम पंचायत आपदा निधि की घोषणा 1 वर्ष पूर्व की गई थी जिसमें प्रत्येक ग्राम पंचायत को आकस्मिक निधि के रूप में 10000 दिए जाने की घोषणा हुई थी जिसका शासनादेश आज दिन तक प्राप्त नहीं हुआ
2 महोदय आपके द्वारा करोना काल में ग्राम प्रधानों द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्य हेतु ग्राम प्रधानों को प्रशस्ति पत्र एवं 10,000 कोरोना प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की गई थी जिसका शासनादेश एवं प्रशस्ति पत्र आज दिन तक ग्राम प्रधानों को प्राप्त नहीं हुए
3 :महोदय पंचायती राज अधिनियम 73वें संविधान संशोधन के 29 विषय ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित करने की बात कहता है लेकिन आज दिन तक एक भी विषय ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित नहीं हुए हैं
4: महोदय वित्त वर्ष 2022 23 समाप्त होने की ओर है परंतु केंद्रीय 15 वा वित्त मे मिलने वाली धनराशि आज दिन तक ग्राम पंचायतों को प्राप्त नहीं हुई है
5 : महोदय पंचायती राज विभाग के ढांचे को मजबूत करते हुए विभाग में स्थाई पदों को बढ़ाया जाए तथा मैदानी जनपदों में ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों की संख्या को पर्वतीय जनपदों के सापेक्ष बढ़ाया जाए
6:ग्राम पंचायत में स्थित सरकारी भूमि जिला पंचायत की भूमि का उपयोग ग्राम पंचायत में बनने वाले सरकारी भवनों के निर्माण में किए जाने का स्पष्ट शासनादेश किया जाए
7: ग्राम पंचायत की खुली बैठक में प्रस्तावित कार्यों को जिला योजना में वरीयता दी जाएं तथा जिला योजना में भी ग्राम प्रधानों को नामित सदस्य नियुक्त किया जाए
8 : ग्राम पंचायतों को पंचायत भवन निर्माण हेतु निर्धारित 10 लाख की राशि को बढ़ाकर 20 लाख किया जाए
9: ग्राम प्रधानों का आरक्षण 10 वर्ष तक निर्धारित होना चाहिए क्योंकि वर्तमान में त्रिस्तरीय पंचायतों का आरक्षण प्रत्येक पंचवर्षीय में परिवर्तित किया जा रहा है
10: कोरोना काल में सेवा देने वाले पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 2 वर्ष बढ़ाए जाएं
11: ग्राम पंचायत में रेखीय विभागों द्वारा किए जाने वाले समस्त कार्यों की पूर्व अनुमति, कार्य पूर्ति एवं सत्यापन का कार्य ग्राम पंचायत द्वारा किए जाने का स्पष्ट शासनादेश किया जाए
12 : ग्राम पंचायतों की 6 समितियों के अतिरिक्त ग्राम पंचायत में बनाई गई समितियों को समाप्त किया जाए
13: केंद्रीय वित्त में टाइट अनटाइट की बाध्यता को समाप्त किया जाए तथा केंद्रीय वित्त तथा राज्य वित्त की धनराशि को समय-समय पर शासन द्वारा अलग-अलग मदों पर खर्च करने की बाध्यता को समाप्त किया जाए
14 ग्राम प्रधानों के खिलाफ अविश्वास पत्र का फैसला वार्ड सदस्यों की बजाय ग्रामीण जनता द्वारा किया गया
15 ग्राम प्रधानों का राज्यभर में रोड टोल फ्री किया जाए
16 ग्राम प्रधानों का मानदेय 3500 से बढ़ाकर 5000 किया जाए तथा पेंशन की सुविधा उपलब्ध की जाए
17 पंचायती राज विभाग द्वारा ग्राम प्रधानों का व्यक्तिगत तथा स्वास्थ्य बीमा करवाया जाए
मनरेगा की समस्या
18 जिन पंचायतों में नेटवर्क की समस्या होने के कारण एन एम एम एस के श्रमिक उपस्थिति लेना संभव नहीं हो पा रहा है इस हेतु आवश्यक विकल्प उपलब्ध कराए जाएं
19 तकनीकी नेटवर्क की समस्या के कारण एनएमएमएस के माध्यम से ली जा रही उपस्थिति यदि अपलोड नहीं हो रही है तो इस स्थिति में श्रमिक उपस्थिति को एडिट करने का प्रावधान पूर्व की तरह डीपीओ लॉगिन में उपलब्ध कराया जाए
20 :मनरेगा में सामग्री का भुगतान 3 माह में किया जाए
21: योजना अंतर्गत ग्राम पंचायत में अधिकतम 20 प्रगति रथ कार्यों की सीमा को हटाया जाए
22: 20श्रमिकों तक पूर्व की भांति ऑफलाइन मस्ट्रॉल पर ही कार्य कराए जाएं
23: मनरेगा निर्माण कार्यों में 70% सामग्री एवं 30% मजदूरी का अनुपात रखा जाए
24: कुशल श्रमिक का भुगतान श्रमिकों के साथ ही किया जाए
महोदय आपसे विनम्र निवेदन है कि उपरोक्त मांगों पर शीघ्र कार्रवाई की जाए अन्यथा ग्राम प्रधान संगठन पूरे प्रदेश सहित राष्ट्रीय में उग्र आंदोलन हेतु बाध्य होगा । इस दौरान निर्मल मटियाली अध्यक्ष प्रधान संघठन ओखलकांडा
मुकेश चन्द्र बौद्ध महासचिव प्रधान संघठन ओखलकांडा
कमला भंडारी जी उपाध्यक्ष प्रधान संघठन ओखलकांडा,
राजीव कुमार प्रधान साल,
रवि गोस्वामी क्षेत पंचायत सदस्य खनस्यू,
संजय बर्गली ग्राम प्रधान बर्मधार,गीता देवी, देवी,गीता देवी,नंदी देवी,तेज सिंह ,बलवीर सिंह ,महेश रेकुनी,गणेश ठटोला, शिव सिंह मटियाली,हेमा देवी,जानकी देवी,योगेश बोरा आदि प्रधान एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य।