उत्तराखण्ड
धराली में पीड़ितों को ₹5,000 के चेक बांटने पहुँचे अधिकारियों का ग्रामीणों ने किया विरोध
मुख्यमंत्री व विधायक के खिलाफ फूट पड़ा गुस्सा, लगे नारे
पर्वत प्रेरणा ब्यूरो उत्तरकाशी
धराली (उत्तरकाशी)। धराली क्षेत्र में हालिया प्राकृतिक आपदा से प्रभावित ग्रामीणों को ₹5,000 की राहत राशि के चेक बांटने पहुँचे प्रशासनिक अधिकारियों को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने यह राहत राशि अपमानजनक बताते हुए चेक लेने से इनकार कर दिया और मौके पर ही विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया
आक्रोशित ग्रामीणों ने “मुख्यमंत्री मुर्दाबाद”, “विधायक जवाब दो”, “सरकार होश में आओ” जैसे नारे लगाए। उनका कहना था कि जीवनभर की मेहनत से बनाए गए घर, खेत, पशुधन और सम्पत्ति का नुकसान सिर्फ ₹5,000 में कैसे पूरा हो सकता है?
“ये मदद नहीं, मज़ाक है”
धराली निवासी मीना देवी ने रोष व्यक्त करते हुए कहा, “हमने अपने घरों को टूटते देखा है, खेत बह गए हैं, बच्चे खुले में रहने को मजबूर हैं। ऐसे में सरकार अगर ₹5,000 देकर हमें चुप कराना चाहती है, तो यह हमारी पीड़ा का मज़ाक है।”
प्रशासन को लौटना पड़ा खाली हाथ
स्थिति बिगड़ती देख अधिकारियों को चेक वितरण का कार्य रोकना पड़ा और उन्हें पुलिस सुरक्षा में वापस लौटना पड़ा। ग्रामीणों ने साफ कर दिया कि जब तक वास्तविक आकलन कर उचित मुआवजा और पुनर्वास योजना घोषित नहीं की जाती, तब तक वे किसी भी राहत राशि को स्वीकार नहीं करेंगे।
राजनीतिक नेतृत्व पर भी नाराज़गी
ग्रामीणों ने क्षेत्रीय विधायक और मुख्यमंत्री पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि आपदा के इतने दिन बीतने के बाद भी न तो विधायक ने क्षेत्र का दौरा किया, न ही मुख्यमंत्री ने कोई ठोस घोषणा की। स्थानीय युवा संगठन के सदस्य मोहित रावत ने कहा, “नेता चुनाव के समय ही दिखते हैं, और जब हम पर संकट आता है, तब कोई नजर नहीं आता।”
जिला प्रशासन की चुप्पी
विरोध के बाद प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि सूत्रों के अनुसार, अधिकारियों ने पूरी रिपोर्ट जिला मुख्यालय को सौंप दी है।
ग्रामीणों ने दी चेतावनी
धराली, भुक्की, सुक्की, झाला और गंगनानी के ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने 7 दिनों के भीतर उचित मुआवजा और पुनर्वास नीति नहीं बनाई, तो वे सामूहिक रूप से उत्तरकाशी जिला मुख्यालय तक पैदल मार्च करेंगे।



