उत्तराखण्ड
मौसम बना मुसीबत: उत्तरकाशी में बादल फटा, चमोली और नैनीताल में मलबा गिरने से जनजीवन अस्त-व्यस्त
उत्तराखंड में बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। देहरादून से लेकर पहाड़ों तक मौसम का मिजाज लगातार भारी बना हुआ है। राज्य के कई हिस्सों में बारिश के चलते तबाही जैसे हालात बन गए हैं। सबसे बड़ी खबर उत्तरकाशी जिले के बड़कोट तहसील से आई है। यहां बादल फटने की घटना हुई है। इस हादसे में नौ मजदूरों के लापता होने की सूचना सामने आई है। रेस्क्यू टीम मौके पर रवाना हो गई है। लेकिन अब तक किसी का पता नहीं चल पाया है।
उधर चमोली जिले में बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार शाम से ही अलग-अलग इलाकों में मूसलाधार बारिश हो रही है। थराली-देवाल मोटर मार्ग पर मलबा आ गया है। जिससे आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई है। नंदकेसरी के पास एक ऑटो और कार मलबे में फंस गई। लोक निर्माण विभाग की ओर से दो जेसीबी मशीनों से सड़क खोलने की कोशिश की जा रही है। लेकिन पहाड़ी से लगातार पत्थर गिरने के कारण फिलहाल यह काम खतरे से खाली नहीं है।
नैनीताल जिले के कालाढूंगी और रामनगर इलाके भी भारी बारिश की चपेट में हैं। यहां सुबह से ही तेज बारिश जारी है। जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया है। आम लोगों का जनजीवन पूरी तरह से अस्तव्यस्त हो गया है। प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी किया गया है। लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है। बारिश की वजह से तापमान में भी गिरावट आई है। जिससे उमस भरी गर्मी से थोड़ी राहत जरूर मिली है।
इस बीच कालाढूंगी विधानसभा के कोटाबाग ब्लॉक के देवीपुरा-सौड़ मोटर मार्ग पर मलबा आ जाने से रास्ता बंद हो गया है। इससे कोटाबाग और नैनीताल के बीच संपर्क टूट गया है। ग्रामीणों की आवाजाही मुश्किल में पड़ गई है। गांव वालों का कहना है कि इसी रास्ते से वे अपनी फसलें और सब्जियां बाजार तक पहुंचाते हैं। लेकिन अब सड़क बंद होने से उनका काम ठप पड़ गया है। स्थानीय निवासी हीरा बल्लभ बधानी ने लोक निर्माण विभाग को इस बारे में जानकारी दी। लेकिन अब तक कोई राहत कार्य शुरू नहीं हुआ है। इस सड़क से पांडेगांव, देवीपुरा, बागजाला, जलना, बासी, सौड़, बाघनी जैसे कई गांव नैनीताल से जुड़े हुए हैं। रास्ता बंद होने से इन गांवों का संपर्क भी टूट गया है। लोग खुद मदद की उम्मीद में अब सरकारी मशीनरी की राह देख रहे हैं।



