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लोकसभा चुनाव 2024: उत्‍तराखंड में क्‍लीन स्‍वीप के बाद भी आखिर क्‍यों टेंशन में भाजपा? अब होगा मंथन

देहरादून: उत्तराखंड में भाजपा ने भले ही इस बार भी पांचों लोकसभा सीट जीत कर हैट-ट्रिक लगाई है, लेकिन पार्टी को इस बार हासिल होने वाला मत प्रतिशत वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में कम रहा। मत प्रतिशत में आई गिरावट से पार्टी चिंतित है। इस कड़ी में अब पार्टी चुनाव में मिले कम मत प्रतिशत की समीक्षा करने जा रही है। इसमें यह आकलन किया जाएगा कि चुनाव पूर्व पार्टी ने जो लक्ष्य तय किए थे, उसे हासिल करने में उसे कहां तक सफलता मिली। जहां पार्टी को कम मिले हैं, उसके कारणों की गहनता से समीक्षा की जाएगी।

प्रदेश में लोकसभा चुनावों में भाजपा ने रिकार्ड तीसरी बार क्लीन स्वीप किया है। ऐसा करने वाली वह प्रदेश की पहली पार्टी बन गई है। इस शानदार सफलता के बावजूद भाजपा को इस चुनाव में अपेक्षित मत प्रतिशत नहीं मिल पाया। आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो वर्ष 2019 में प्रदेश में 61.50 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसमें भाजपा को 61 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे। इस वर्ष प्रदेश में 57.22 प्रतिशत मतदान हुआ और भाजपा को 56.81 प्रतिशत मत मिले। यानी, 4.19 प्रतिशत कम मत भाजपा को इस चुनाव में मिले।

इस बार भाजपा प्रत्याशियों में सर्वाधिक 64.2 प्रतिशत मत अल्मोड़ा सीट पर अजय टम्टा को हासिल हुए। वर्ष 2019 में यहां भाजपा प्रत्याशी को 64 प्रतिशत मत हासिल हुए थे। इस बार सबसे कम 50.19 प्रतिशत मत हरिद्वार सीट पर त्रिवेंद्र सिंह रावत को मिले। पिछली बार इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी ने 52.4 प्रतिशत मत प्राप्त किए थे। इस बार गढ़वाल सीट पर भाजपा को 58.6 प्रतिशत, तो पिछली बार 68.51 प्रतिशत मत मिले थे।

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टिहरी गढ़वाल में भाजपा प्रत्याशी को इस चुनाव में 53.66 प्रतिशत मत मिले, जबकि पिछली बार 64.5 प्रतिशत मत हासिल हुए थे। नैनीताल ऊधम सिंह नगर सीट पर भाजपा प्रत्याशी को इस चुनाव में 61.03 प्रतिशत मत हासिल हुए, जबकि पिछली बार भाजपा प्रत्याशी के हिस्से 61.4 प्रतिशत मत आए थे। साफ है कि इस चुनाव में केवल एक सीट ऐसी रही, जहां भाजपा का मत प्रतिशत पिछली बार की अपेक्षा बढ़ा, वह भी मामूली रूप से

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