कुमाऊँ
आखिर क्यों हो रही भाजपा मंडल अध्यक्ष को हटाने की मांग
अल्मोड़ा। भाजपा में अंदरखाने कुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है। अब यहां भाजपा अध्यक्ष को हटाये जाने की मांग शुरू हो गई है। मामला 6 सितम्बर को हुई भाजपा की जन आशीर्वाद रैली के बाद उपजा । जब लमगड़ा मंडल के अध्यक्ष ने क्षेत्र प्रमुख लमगड़ा की बिक्रम बड़वाल सहित क्षेत्र के प्रधान क्षेत्र पंचायत सदस्यों की भाजपा में सदस्यता का विरोध करते हुए पार्टी संगठन से इस्तीफा देने की बात कही, जबकि बिक्रम बगडवाल अपने सैकड़ों समर्थको सहित ढोल नगाड़ों के साथ कार्यक्रम स्थल पहुंचे थे।
मामला यही नहीं रुका लमगड़ा मंडल के वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ताओ ने संजय को अध्यक्ष पद से हटाने की मांग कर डाली, इस बात को लेकर लमगड़ा भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओ का एक दल 10 सितम्बर को भाजपा जिला अध्यक्ष रवि रौतेला से मिला, कोई समाधान नहीं हो पाने से मामला फिर तूल पकड़ने लगा है। मंडल महामंत्री महेन्द्र सिह महरा ने बताया इस समस्या के समाधान हेतु वे जिले व प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व को पत्र भेज चुके हैं।
भाजपा के अल्मोड़ा जिला अध्यक्ष मुलाकात के लिए अलग अलग न्याय पंचायतों के प्रतिनिधि, वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ताओ का एक 43 सदस्यीय दल संजय डालाकोटी को हटाने की माग रवि रौतेला से कर चुका है।जिसका नेतृत्व करने वालो मे तारा बजेठा मीडिया प्रभारी, भुवन पांडे पूर्व प्रधान, श्याम नारायण पांडे पूर्व जिला पंचायत सदस्य, चिंता सिह न्याय पंचयत प्रभारी, हेम पांडे न्याय पंचायत प्रभारी, किशन अधिकारी, न्याय पंचायत प्रभारी,कृष्णा पांडे मंडल मंत्री, हरीश सिजवाली मंडल मंत्री, केशव राम मंडल उपाध्यक्ष, हरीश बोरा पूर्व मंडल उपाध्यक्ष, हरेंद्र बिष्ट पूर्व मंडल महामंत्री, बसंत थूवाल युवा मोर्चा उत्तराखंड, आंनद थुवाल ग्राम प्रधान, हयाद धोनी क्षेत्र पंचायत सदस्य, रमेश बोरा पूर्व प्रधान सॉसियल मीडिया प्रमुख प्रकाश चंद प्रधान, राहुल बिष्ट प्रधान आदि ने
लमगडा (जागेश्वर) भाजपा की मजबूती हेतु क्षेत्र प्रमुख सहित सभी जनप्रतिनिधियों की भाजपा सदस्यता को पार्टी हित मे बताया। जिसका लाभ भाजपा को 2022 के चुनाव में जरूर मिलेगा , उन्होंने संजय की सदस्यता विरोध वाली नीति को गलत ठहराते हुए उन्हें अध्यक्ष पद से हटाने की माग की। संजय मंडल अध्यक्ष बनने के बाद से विवादों में है उन पर कार्यकर्ताओ की अपेक्षा, अपमानित करने लमगड़ा मंडल में नए सदस्यों को नहीं जोड़ पाने और विरोध करने पार्टी के अंदर गुटबाजी को पनपाने का आरोप है। कार्यकर्ताओं का कहना है अपने इसी व्यहार के चलते उन्हें अब विरोध का सामना करना पड़ रहा है।