उत्तराखण्ड
प्रतियोगी परीक्षा अध्यादेश आने से धांधलेंबाजों का घर सिर्फ जेल होगी – हेमंत द्विवेदी
हल्द्वानी। उत्तराखण्ड में प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा भर्ती में धांधली करने वालों पर कठोर कार्यवाई अमल में आई जा रही हैं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता हेमंत द्विवेदी ने कहा की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा अध्यादेश 2023 को अनुमोदन करना बेरोजगारों के जख्मो पर मरहम लगाने का ऐतिहासिक काम हुआ हैं।
इस अध्यादेश में दोषियों के विरूद्ध सख्त प्रावधान किए गए हैं। क्योंकि यह सरकार जीरो टोलरेन्स पर काम कर रही हैं इसलिए बेरोजगार भाइयों को शांत रहकर सरकार के कठोर कदम की सरहाना करनी चाहिए।
द्विवेदी ने कहा ऐसे पहली बार हुआ हैं चाहे कोई व्यक्ति, प्रिटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता संस्था, प्रबंध तंत्र, कोचिंग संस्थान इत्यादि अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए आजीवन कारावास तक की सजा हैं।पहली बार ऐसे हुआ हैं जिसमें दस करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
धाधलें बाजों का घर सिर्फ जेल की सालाखों के पीछे बनेगा द्विवेदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के लोग युवाओं को भड़काकर सिर्फ राजनीती कर रही हैं। क्योंकि कई ऐसे लोग गिरफ्त में आ रहे हैं जिनको कांग्रेस पार्टी ने य तो परीक्षाओं को कराने में काम दिए थे ऐसे में वह युवाओं को पथ भ्रमित कर रही हैं। क्योंकि इसमें कोई व्यक्ति संगठित रूप से परीक्षा कराने वाली संस्था के साथ षडयंत्र करता है तो आजीवन कारावास तक की सजा एवं 10 करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
द्विवेदी ने कहा युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह के नेतृत्व में युवाओं की बात सुनकर ही नीति बनाई जाती हैं आप सभी धैर्य से दोषियों को सलाखों के पीछे जाने में ऐसी ही सहयोग करते रहे।