उत्तराखण्ड
महिला ने सरकारी डॉक्टर पर लगाया किडनी चोरी का आरोप, 2014 में कराया था पथरी का ऑपरेशन, अब कराया केस दर्ज
उत्तरकाशी : उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 34 वर्षीय महिला ने सरकारी अस्पताल के चिकित्सक पर पथरी के आपरेशन के दौरान किडनी चोरी करने का आरोप लगाया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजीएम) कोर्ट में इस मामले में मुकदमा दर्ज किया है।
उत्तरकाशी जिले के मसरी गांव निवासी सुभानी देवी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को आरोपित चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर प्रार्थना पत्र सौंपा। सीजेएम कोर्ट ने कोतवाली उत्तरकाशी से 20 मार्च तक रिपोर्ट मांगी है। आरोपित चिकित्सक वर्तमान में ऊधम सिंह नगर में तैनात है।
पेट दर्द होने पर महिला पहुंची अस्पताल तो मिली जानकारी
सुभानी देवी ने बताया कि मार्च, 2014 में उसकी तबीयत खराब हुई, जिसके बाद वह जिला अस्पताल आई। एक अप्रैल से तीन अप्रैल तक वह जिला अस्पताल के सर्जन डा. अश्वनी कुमार चौबे की देखभाल में भर्ती रही। उसे पित्ताशय में पथरी होना बताया गया। अल्ट्रासाउंड में दोनों किडनी सामान्य थीं।
जिला अस्पताल में नौ अप्रैल 2014 को डा. अश्वनी कुमार चौबे ने फिर से भर्ती कराया और 11 अप्रैल को आपरेशन किया। उपचार के बाद वह 17 अप्रैल को घर आई। कुछ समय बाद दोबारा पेट में दर्द शुरू हो गया। शुरू में अनदेखा किया, लेकिन दर्द असहनीय होने पर 27 जनवरी, 2023 को कोरेनेशन अस्पताल देहरादून में भर्ती हुई। वहां अल्ट्रासाउंड में चिकित्सकों ने एक किडनी न होने की जानकारी दी गई।
फिर पीडि़ता ने उत्तरकाशी जिला अस्पताल और देहरादून के एक निजी अस्पताल में भी अल्ट्रासाउंड जांच कराई। सुभानी ने कहा कि उन्होंने केवल पित्ताशय में पथरी का आपरेशन आरोपित चिकित्सक से कराया था। उसके अलावा कोई भी आपरेशन नहीं कराया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि उसकी एक किडनी पित्ताशय का आपरेशन करने वाले चिकित्सक ने गायब की है। सुभानी देवी ने कहा कि उत्तराखंड का कोई भी अस्पताल उनकी किडनी का कलर डाप्लर अल्ट्रासाउंड व सीटी स्कैन कराने के लिए तैयार नहीं हुआ। जिसके बाद वह राय अस्पताल एंड मैटरनिटी सेंटर रोहडू शिमला हिमाचल प्रदेश गई।
रोहडू के चिकित्सकों ने बताया कि जो किडनी गायब हुई है, उस जगह पर घाव बना हुआ है। जिसका उपचार वही चिकित्सक कर सकता है जिसने आपरेशन किया। उन्होंने जिला अस्पताल उत्तरकाशी में सूचना का अधिकार के तहत आपरेशन संबंधित जानकारी मांगी, परंतु जिला अस्पताल की ओर से सूचना नहीं दी गई