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उत्तराखण्ड

इस साल प्रदेश के 15% कर्मचारियों के होंगे अनिवार्य तबादले, सिर्फ इन्हें मिलेगी छूट

देहरादून। प्रदेश में इस साल 15% कर्मचारियों के अनिवार्य तबादले होंगे। सरकार ने अनिवार्य तबादलों की सीमा 10 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दी है। जिसके बाद प्रदेश में 30 हजार से ज्यादा तबादले होने की संभावना है।उत्तराखंड में अब इस साल 10 फीसदी नहीं 15 फीसदी अनिवार्य तबादले होंगे।

उत्तराखंड सरकार ने स्थानांतरण सत्र 2023-24 में अनिवार्य तबादलों को बढ़ा दिया है। जिसके बाद प्रदेश में इस सत्र में 30 हजार से ज्यादा शिक्षकों व कर्मचारियों के तबादले होने की संभावना है। वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम 2017 के प्रावधानों में ढील देते हुए सरकार ने कुछ लोकसेवकों के लिए छूट का प्रावधान किया है। जिसमें गंभीर रूप से बीमार लोकसेवकों के लिए कुछ छूट दी गई है।

गंभीर रूप से विकलांगता व जिनके बच्चे मानसिक रोगी हैं या सेवारत पति-पत्नी जिनकी इकलौती संतान विकलांग है, ऐसे कुछ मामलों में अनुरोध के आधार पर 15 प्रतिशत की सीमा से बाहर जाकर भी तबादले हो सकेंगे। इसके साथ ही इंजीनियरिंग सेवा में अधिशासी अभियंता से लेकर कनिष्ठ अभियंता तक को उनके गृह जिलों में ट्रांसफर मिल सकेगा। लेकिन उन्हें अपने गृह सर्किल व खंड में तैनाती नहीं मिलेगी।

चआईवी पॉजिटिव, हृदय रोग (बायपास सर्जरी अथवा एंजियोप्लास्ट्री), कैंसर, ब्लड कैंसर, एड्स, किडनी रोग (दोनों किडनी फेल होने से डायलिसिस पर निर्भर, किडनी ट्रांसप्लांट किया गया हो या एक किडनी निकाली गई हो), ट्यूबरक्लोसिस (दोनों फेफड़े संक्रमित हों, अथवा एक फेफड़ा पूरी तरह खराब हो), स्पाइन की हड्डी टूटने सार्स (थर्ड स्टेज), मानसिक रोग से ग्रसित कर्मचारियों को अनिवार्य तबादलों में छूट होगी।इन तीन श्रेणियों में होंगे 15 फीसदी से भी ज्यादा तबादले

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1-प्रदेश में इस साल 15 फीसदी अनिवार्य तबादले तो होंगे ही। इसके साथ ही तीन अन्य श्रेणियों में 15 फीसदी से भी ज्यादा अनिवार्य तबादले होंगे।

2-तबादला एक्ट की धारा 17 (1) ख की श्रेणी एक, दो व तीन में आने वाले कर्मचारियों के अनुरोध के आधार पर स्थानांतरण की अधिकतम सीमा से ज्यादा तबादले हो सकेंगे। यानी यह छूट गंभीर रूप से रोगग्रस्त विकलांग कर्मचारी द्वारा स्वयं अथवा पति-पत्नी की गंभीर रोगग्रस्तता या विकलांगता के आधार पर।3-मानसिक रूप से विक्षिप्त एवं लाचार बच्चों के माता-पिता। सेवारत पति-पत्नी जिनका इकलौता पुत्र या पुत्री विकलांग हो।

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