उत्तराखण्ड
13 जिलों में बने 375 कंटेनमेंट जोन, जानिए अपने जिले का हाल
प्रदेश भर में कोरोना वायरस के संक्रमित लोगों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है और साथ ही जिस प्रकार से पॉजिटिव लोग पाए जा रहे हैं उसी प्रकार से भारी संख्या में लोग ठीक होकर भी अपने घर को जा रहे हैं लेकिन उसके बावजूद भी प्रदेश में इस प्रकार से भारी संख्या में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है इसी को देखते हुए शनिवार को प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 8390 नए मामले मिले। खतरा लगातार बढ़ रहा है, हर दिन कोरोना के हजारों नए केस मिल रहे हैं।
संक्रमण रोकथाम के लिए प्रदेश के 13 जिलों में 375 इलाके कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। देहरादून में 72 कंटेनमेंट जोन हैं। यहां शहर में 49 इलाके सील हैं। जबकि विकासनगर में 6 कंटेनमेंट जोन हैं। ऋषिकेश में 5 कंटेनमेंट जोन हैं। डोईवाला में पांच, कालसी में 3, त्यूनी में 2 और चकराता में भी दो कंटेनमेंट जोन हैं। अब हरिद्वार जिले का हाल जान लेते हैं। यहां रुड़की में चार इलाके सील हैं।
हरिद्वार शहर में 8 और भगवानपुर में 1 कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। नैनीताल में कुल 67 कंटेनमेंट जोन हैं। हल्द्वानी में 62, नैनीताल में 2 और रामनगर में 2 कंटेनमेंट जोन हैं। पहाड़ी जिलों में पौड़ी के कोटद्वार में 07 इलाके सील हैं। चाकीसैंण में एक कंटेनमेंट जोन है। पौड़ी में 3 और श्रीनगर में 3 इलाके सील हैं। सतपुली में एक कंटेनमेंट जोन है।
उत्तरकाशी में 73 कंटेनमेंट जोन हैं। भटवाड़ी में 48, बड़कोट में 18 और पुरोला में 03 इलाके सील हैं। जोशियाड़ा में 2 और चिन्यालीसौड़ में 2 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं।
ऊधमसिंहनगर जिले में 61 कंटेनमेंट जोन हैं। यहां रुद्रपुर में 57, सितारगंज में 1, गदरपुर में दो और किच्छा में एक कंटेनमेंट जोन है।चंपावत में 27 कंटेनमेंट जोन हैं। यहां टनकपुर में 15, चंपावत में 06, बनबसा में 1, लोहाघाट में 3, बाराकोट और पाटी में एक-एक कंटेनमेंट जोन है।
चमोली में गैरसैंण, घाट, कर्णप्रयाग में 1-1 इलाका सील है। पोखरी में 2 और जोशीमठ में 1 कंटेनमेंट जोन है।
टिहरी में 04, नरेंद्रनगर में 03, कीर्तिनगर में 3 और घनसाली में एक इलाका सील हैं। कंडीसौड़ में 3, देवप्रयाग में 1 और जाखणीधार में एक कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। रुद्रप्रयाग जिले में ऊखीमठ में एक और नगर क्षेत्र में चार कंटेनमेंट जोन बने हैं। जखोली में एक कंटेनमेंट जोन है। पिथौरागढ़ जिले में 9 इलाकों को सील किया गया है। जबकि अल्मोड़ा में 8 और बागेश्वर जिले में 2 कंटेनमेंट जोन हैं।