उत्तराखण्ड
जीर्ण शीर्ण भवनों में चल रहे स्कूल, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
रामगढ़(नैनीताल)। ब्लॉक रामगढ़ क्षेत्र में कई विद्यालयों की स्थिति अत्यधिक जीर्ण शीर्ण हो चुकी है। जल्दी विद्यालय भवन की मरम्मत नहीं की गई तो यहां कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। यही नहीं विद्यालय की छत गिरने की कगार पर पहुँच गई हैं। विद्यालय भवन में बड़े-बड़े दरारों को देखकर बच्चों को पढ़ा रहे शिक्षक भी भयभीत होने लगे हैं। कई स्कूलों की छतों से सीमेंट गिर रहा है, खिड़कियां दरवाजे लटक रहे हैं। ऐसे में बच्चे कैसे पढ़ पायेंगे ।
रामगढ़ ब्लॉक की प्राथमिक और जूनियर स्कूलों में छात्रों के बैठने के लिए चटाई तक उपलब्ध नहीं है। न ही सुरक्षित दीवारें हैं यहां कभी भी विद्यालय भवन भरभरा कर छात्रों के ऊपर गिर सकता है। शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन द्वारा इसे अनदेखी की जा रही है। स्कूलों में गुरुजनों के बैठने के लिए फर्नीचर भी पर्याप्त नहीं है।
बच्चे जमीन में बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं। बाथरूम की स्थिति भी बड़ी खराब है, कही दरार तो कहीं दरवाजे टूटे हुए हैं। ज्ञात हो कि कुछ समय पहले चंपावत के 1 प्राथमिक स्कूल में बाथरूम की दीवार ढहने से एक मासूम बच्चे की जान चली गई थी, इसके बावजूद भी शिक्षा विभाग की ऐसी लापरवाही कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।
टूटे-फूटे स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है। मामले में शिक्षक भी लाचार दिखाई दे रहे हैं , शिक्षकों का कहना है कि कई बार सूचना देने के बावजूद भी विद्यालय की जीर्ण शीर्ण हालत पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
रिपोर्ट -शंकर फुलारा