उत्तराखण्ड
हाईकोर्ट की सरकार पर लटकती तलवार,10 मार्च तक मांगा जवाब
नैनीताल हाईकोर्ट ने सरकार से 10 मार्च तक जवाब देने का कहा है। एक याचिका पर सुनवाई के कोर्ट ने आदेश दिया है कि प्रदेश के सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमों की जानकारी 10 मार्च तक कोर्ट को उपलब्ध कराएं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को फिर से निर्देश दिए। अगली सुनवाई के लिए 10 मार्च की तिथि नियत की है।सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2021 में सभी राज्यों के उच्च न्यायालयों को निर्देश दिए थे कि उनके राज्य में सांसद व विधायकों के खिलाफ कितने मुकदमे विचाराधीन है, उनकी त्वरित सुनवाई कराएं। सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि राज्य सरकारें आईपीसी की धारा 321 का गलत उपयोग कर अपने सांसदों व विधायकों के मुकदमे वापस ले रही हैं। उत्तर प्रदेश में तमाम माननीय पर दर्ज केस सरकार ने वापस ले लिए।सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए थे कि राज्य सरकारें बिना उच्च न्यायालय की अनुमति के इनके केस वापस नहीं ले सकती, इनके मुकदमों के शीघ्र निस्तारण हेतु स्पेशल कोर्ट का गठन करें। याचिका में सचिव गृह, सचिव विधि एवं न्याय, सचिव वित्त, सचिव महिला एवं बाल कल्याण को पक्षकार बनाया है।