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उत्तराखण्ड

चेक बाउंस मामले में अभियुक्त को तीन माह की सजा, ₹45,000 का अर्थदंड

पर्वत प्रेरणा ब्यूरो

हल्द्वानी। परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के अंतर्गत दर्ज एक चेक बाउंस मामले में हल्द्वानी की अदालत ने आरोपी मनीष कुमार को दोषी ठहराते हुए तीन माह के साधारण कारावास और ₹45,000 के अर्थदंड से दंडित किया है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि रंजन की अदालत ने यह निर्णय सुनाया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुमाऊँ फंड निधि लिमिटेड द्वारा मनीष कुमार के विरुद्ध यह मुकदमा दाखिल किया गया था। अभियुक्त ने 24 सितंबर 2021 को ₹35,000 का ऋण प्राप्त किया था और उसके बदले में ₹41,856 का चेक दिनांक 25 जुलाई 2023 को कंपनी को भुगतान के लिए सौंपा था। जब चेक बैंक में जमा किया गया तो वह “फंड्स इनसफिशिएंट” के कारण 26 जुलाई को अनादृत हो गया।

कंपनी की ओर से विधिक नोटिस भी भेजा गया, जिसे अभियुक्त को 4 अगस्त को तामील हुआ, परंतु उसने धनराशि वापस नहीं की। मामले में परिवादी के अधिवक्ता ने बैंक दस्तावेज, लोन एग्रीमेंट, नोटिस की प्रतिलिपि समेत सभी आवश्यक साक्ष्य प्रस्तुत किए। न्यायालय ने पाया कि अभियुक्त द्वारा दिया गया चेक एक विधिक दायित्व की पूर्ति के लिए था और अभियुक्त नोटिस प्राप्त होने के बाद भी धनराशि लौटाने में असफल रहा। अभियुक्त की ओर से यह तर्क दिया गया कि चेक प्रतिभूति के रूप में दिया गया था, परंतु वह इसे साबित करने में असफल रहा। अदालत ने आरोपी मनीष कुमार को धारा 138 के अंतर्गत दोषी ठहराते हुए तीन माह के साधारण कारावास एवं ₹45,000 के अर्थदंड की सजा सुनाई। इसमें से ₹43,000 की राशि परिवादी को प्रतिकर स्वरूप दी जाएगी, जबकि ₹2,000 राज्य को अदा किए जाएंगे। अर्थदंड न चुकाने की स्थिति में दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अदालत ने यह भी कहा कि अपराध की प्रकृति को देखते हुए अभियुक्त को परिवीक्षा का लाभ नहीं दिया जा सकता।

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