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उत्तराखण्ड

फायदेमंद है पहाड़ों में उगने वाला कुकुरमुत्ता,मशरूम

अल्मोड़ा। उतराखड राज्य के जंगलों में मिट्टी के टिल्लो व गोबर की खाद के ढेरों में पैदा होने वाला प्राकृतिक बनस्पति कुकुरमुत्ता। कुकुरमुत्ता को कुमाऊं भाषा में (चियों के नाम से जाना जाता है। उत्तराखंड राज्य के साथ साथ हिमाचल, कश्मीर, मेघालय आदि राज्यों के पहाड़ी क्षेत्रों में मिट्टी के टिल्लो व गोबर की खाद के ढेरों में कुकुरमुत्ता पैदा होता है। कुछ कुकुरमुत्ता बारोमास पैदा होते लेकिन उस कुकुरमुत्ता को लोग कम खाते हैं।जो कुकुरमुत्ता जून, जुलाई अगस्त में बारीस के समय गोबर के खाद के ढेरों में तथा पर्वतीय क्षेत्रों के मिट्टी के टिलों में पैदा होता उसे सब्जी के‌ प्रयोग में लाया जाता है। कुकुरमुत्ता प्राचीन काल से पहाड़ी क्षेत्रों के मिट्टी के टिलों व गोबर के खाद के ढेरों में पैदा होने वाली सब्जी है।

यह खासतौर पर जून में छोटे छोटे बीज की तरह निकलते हैं जुलाई व अगस्त में बारीस होते ही चार इंज से आठ इंज की लंबाई के साथ एक छतरी की तरह उभरते हुए दिखते और निकलते हैं। अभी वर्तमान समय में किसानों व‌ काश्तकारों के द्धारा इसे मशरूम के नाम से अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके से पैदा करने के साथ ही लोग इसकी खेती कर रहे हैं।
इसकी खेती खुले में नहीं की जाती है।या तो छप्पर के नीचे या पोलियो हाउस में किसी जगहों पर अप्रैल से मई जून तक इसकी बुवाई की जाती किसी जगहों पर अक्टूबर से मार्च तक उगया जाता है।इसकी बुवाई के लिए गेहूं धान में जो खाद लगती व खाद भूसे एकटठा करके छह इंच से लेकर आठ इंज की परद बनाकर ये महरूम लगाया जाता है। इसके लिए तापमान 15से 25डिग्री होना चाहिए तब ही ये पैदा होता है।

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उत्तराखंड राज्य के साथ साथ देश अन्य राज्यों में भी कुकुरमुत्ता (मशरूम) खेती की जा रही है , उतराखड, हिमाचल, कश्मीर मेघालय, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना,बिहार आदि राज्यों सार्वधिक खेती की जा रही है किसानों को मशरूम की खेती अच्छा मुनाफा हो रहा है।
कुकुरमुत्ता (मशरूम) बनाने के तरीके-

सबसे पहले इसके डंठल व छतरी में लगी हुई मिट्टी को गेहूं के आटे से पानी में साफ कर दिया जाता है उसके बाद इसकी छतरी को छोटे छोटे टुकड़े और इसके डंठल के या रेसे निकाल कर या छोटे टुकड़े बनाकर ,जैसे मटन चिकन बनाया जाता उसी तरह कुकुरमुत्ता मशरूम की सब्जी भी बनाई जाती है मटन चिकन बनाना व कुकुरमुत्ता मशरूम बनाना एक बात है। समाजिक कार्यकर्ता प्रताप सिंह नेगी ने बताया की कुकुरमुत्ता (मशरुम) की सब्जी खाने के क्या फायदे हैं। बिटामिन डी, पोटेशियम, प्रोटीन,आयरन, मिनरल्स,फाइबर बढ़ाता है,इधर फंगल इंफेक्शन भी ठीक करता है। मांसपेशियों को सक्रियता व यादशत को बरकरार रखने बेहद फायदेमंद है।

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