Connect with us

Uncategorized

आगरा: एक अप्रैल से लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर सफर करने से पहले पढ़ लें पूरी खबर, इस खास वजह से डायवर्ट होंगे वाहन

आगरा: लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे के बांगरमऊ क्षेत्र, उन्नाव के खंभौली गांव के पास बनी हवाई पट्टी पर छह साल बाद फिर एयरफोर्स के सुखोई, जगुआर और मिराज-17 समेत अन्य लड़ाकू विमान उतरेंगे। छह अप्रैल को लैंडिंग परीक्षण के बाद सात अप्रैल को तीन घंटे संपूर्ण रिहर्सल होगी।

एयरफोर्स के अधिकारियों ने एक अप्रैल से 10 अप्रैल तक हवाई पट्टी के साढ़े तीन किमी क्षेत्र को रिजर्व किया है। यूपीडा के सुरक्षा अधिकारी आर.एन.सिंह ने बताया कि छह व सात अप्रैल को किसी भी वाहन को एक्सप्रेसवे पर बांगरमऊ सीमा में नहीं जाने दिया जाएगा।
वहीं एक से 10 अप्रैल तक आगरा से लखनऊ व लखनऊ से आगरा जाने वाले भारी व हल्के वाहनों को डायवर्ट कर सर्विस लेन से निकाला जाएगा। हवाई प‌ट्टी के क्षेत्र को पूरी तरह से ब्लाक रखा जाएगा। रूट डायवर्जन से सबसे अधिक परेशानी बंगाल और बिहार सहित पूर्वांचल से दिल्ली जाने-आने वालों को होगी।
वाहनों को निकालने के लिए रूट की रूपरेखा तैयार की जा रही है। यूपीडा के सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि एक से पांच अप्रैल तक हवाई पट्टी के एरिया की पानी से सफाई करने के साथ यूपीडा द्वारा प्रेशर मशीन से धूल हटाने व हवाई प‌ट्टी पर मार्किंग का काम किया जाएगा।

मवेशी अंदर ने आने पाएं, इसके लिए रन-वे के दोनों ओर बैरिकेडिंग लगाई जाएगी। इन लड़ाकू विमानों के उतरने की संभावना छह व सात अप्रैल को सुखोई, मिराज, जगुआर एमआइ 17, कैरियर एयरक्राफ्ट हरक्यूलिस सी समेत 14-15 विमानों के एक्सप्रेस की हवाई पट्टी पर उतरने की संभावना है।

इसका मकसद आपातकालीन स्थिति में लड़ाकू विमानों की लैंडिंग का अभ्यास है। तीसरी बार है जब लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर लड़ाकू विमान उतरेंगे। इससे पहले 21 नवंबर 2016 को एक्सप्रेसवे का लोकार्पण और 24 अक्टूबर 2017 को उद्घाटन के वक्त लड़ाकू विमानों की लैंडिंग हुई थी।

यह भी पढ़ें -  नैनीताल सहित इन पांच जनपदों में यह परियोजना होगी लागू


आपातकालीन स्थिति में लैंड कर सकते लड़ाकू विमान आगरा-लखनऊ एक्स्प्रेसवे की कुल लंबाई 302 किमी है। बांगरमऊ क्षेत्र में साढ़े तीन किमी के क्षेत्र में एयर स्ट्रिप बनाया गया है। सूत्रों की मानें तो जिस क्षेत्र में हवाई पट्टी बनी है, वह चीन के डोकलाम बार्डर और पाकिस्तान (राजस्थान से लगी सीमा) की मिसाइल रेंज से बाहर है। आपातकालीन स्थिति में लड़ाकू विमान यहां से आसानी से लैंड कर सकेंगे।

More in Uncategorized

Trending News