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कुमाऊँ

आशा फैसिलेटरों को नियमित मानदेय, संविदा में नियुक्ति के आदेश निर्गत करे सरकार-कर्नाटक

रानीखेत । आशा फैसिलेटरों का एक प्रतिनिधिमंडल पूर्व उपाध्यक्ष एन.आर.एच.एम. बिट्टू कर्नाटक से मिला, और उन्होंने अपनी समस्याओं से उन्हें अवगत कराया। बिट्टू कर्नाटक द्वारा जिलाधिकारी अल्मोडा के माध्यम से एक ज्ञापन प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रेषित कर उन्हें अवगत कराया गया, कि उत्तराखण्ड राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अर्न्तगत आशा फैसिलेटरों को अपने कार्यक्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा सम्बन्धी समस्त कार्यो/दायित्वों का निर्वहन करना होता है । जिससे महिलाओं, बुजुर्गो, बच्चों की विशेष देख-देख के साथ ही कोरोना काल में इनके द्वारा अहम भूमिका निभाई गयी है । किन्तु सुविधा के नाम पर इन्हें उचित मानदेय तक नहीं दिया जा रहा है ।

कर्नाटक ने कहा कि इन कर्मचारियों की उचित मांगों को पूर्ण किये जाने हेतू उनके द्वारा मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन दिनांक 10.08.2021 को प्रेषित किया गया था। जिस पर सकारात्मक पहल न होने के कारण इन कर्मचारियों का मनोबल काफी क्षीण हो रहा है। उन्होने ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री से कहा कि आशा फैसिलेटरों को माह में मात्र 20 दिन की ड्यूटी दी जाती है जबकि कार्य पूरे माह का लिया जाता है और दूरस्थ स्वास्थ्य केन्द्रों में एक दिन के विजिट का रू. 400/- ही दिया जाता है। आशा फैसिलेटरों को कोई मानदेय नहीं दिया जाता है और न ही दूरस्थ स्वास्थ्य केन्द्रों की देख रेख के लिये यात्रा करने पर यात्रा भत्ता

कर्नाटक ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन के माध्यम से अनुरोध किया है। कि इन कर्मचारियों को सन्तोषजनक/नियमित मानदेय तथा 30 दिन की ड्यूटी दिये जाने के साथ इन कर्मचारियों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत संविदा कर्मचारी घोषित किया जाय। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री आशा कर्मचारियों के हित में उनकी मांगों पर व्यक्तिगत रूचि रखते हुये प्राथमिकता आधार पर निर्णय लेकर तद्सम्बन्धी आदेश निर्गत करने का कष्ट करें जिससे इन कर्मचारियों का मनोबल ऊंचा हो सके।

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बलवंत सिंह रावत

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