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कुमाऊँ

नित्य आश्रम गौशाला काला झाला में गोवंशीय पशुओं को खुरपका रोग की दवाई दी गई

टनकपुर के सैलानीगोठ गांव में स्थित नित्य आश्रम गौशाला काला झाला में टनकपुर के सामाजिक कार्यकर्ता गौ सेवक धर्मानंद पांडेय पिछले कई वर्षो से आवारा गोवंशीय पशुओं की सेवा करते आ रहे हैं। श्री पांडे जी गौ साला के अध्यक्ष होने के नाते हर समय गोवंशीय पशुओं की सेवा में लगे रहते है। और साथ में उनकी धर्मपत्नी नगरपालिका टनकपुर की पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मी पांडेय भी इस पुण्य कार्य में उनका सहयोग करती रहती हैं। धर्मानंद पांडेय ने पर्वत प्रेरणा न्यूज को बताया कि इस कलयुग में गौ माताओं का कुछ पशुपालकों के द्वारा अनादर किया जा रहा है।

अगर किसी पशुपालक की गाय दूध देना बंद कर दे तो उसे पशुपालक आवारा छोड़ दे रहे हैं। आवारा पशु सड़कों पर दुर्घटना का शिकार भी हो जाते हैं हम दुर्घटना में चोटिल हुए पशुओं को इस आश्रम में लाकर उसका इलाज करते हैं। टनकपुर के कुछ शिरोमणि दानदाताओं की मदद से नित्य आश्रम गौशाला में गोवंशीय पशुओं की सेवा चल रही है आज हमारे द्वारा गोवंशीय पशुओं के लिए 20 किलो गुड़ का दलिया पकाकर उसमें खुरपका रोग की दवाई मिलाकर उसके लड्डू तैयार करके गोवंशीय पशुओं को खिलाए गए है। सैलानीगोठ गांव के स्थानीय निवासी नित्य आश्रम गौशाला के उपाध्यक्ष हरीश हैसियत भी गौ सेवक पांडेय का इस पुण्य कार्य में पूर्ण सहयोग कर रहे हैं। अंत में गौ सेवक पांडेय ने समाज को एक संदेश देकर कहा कि गाय हमारी मां के समान है।

हमें अपनी गौ माता को ऐसे अपमानित नहीं करना चाहिए। अगर किसी की गाय दूध देना बंद कर दे तो उसे आवारा नहीं छोड़ना चाहिए गाय का दूध सबसे पौष्टिक आहार है गाय का गोबर और मूत्र भी किसी औषधि से कम नहीं है। इसलिए हमारे हिंदू धर्म में गाय को गौ माता कहा गया है और शास्त्रों में बैल नंदी को धर्म की संज्ञा दी गई है। हर पूजा पाठ धर्म कांड में गाय की पूजा की जाती है, श्राद्ध में गाय की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इसलिए हमारे समाज के लोगो को गाय की हमेशा रक्षा करनी चाहिए। गाय से ही हिंदू धर्म की पहचान है गाय बचेगी तो हिंदुत्व बचेगा। संवाददाता:- गौरव शर्मा टनकपुर

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