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उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र शुरू, राज्यपाल के अभिभाषण से हुई शुरुवात
उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया है। राज्यपाल के अभिभाषण से सत्र की शुरुआत हुई। राज्यपाल गुरूमीत सिंह ने सदन में कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में कई बड़े काम हुए हैं। समान नागरिक संहिता को उत्तराखंड विधानसभा से पास किया गया है और सभी धर्मों के लिए एक कानून बनाया गया है।
विधानसभा में राज्यपाल को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह विधानसभा सत्र के लिए विधानसभा पहुंचे। इस दौरान उत्तराखंड पुलिस में विधानसभा में राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और संसदीय कार्यमंत्री ने उनका स्वागत किया।
राज्यपाल के अभिभाषण से हुई बजट सत्र की शुरूआत
बजट सत्र की शुरूआत राज्यपाल के अभिभाषण से हुई। राज्यपाल ने सदन में कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में कई बड़े काम हुए हैं। समान नागरिक संहिता को उत्तराखंड विधानसभा से पास किया गया है। बेटा-बेटी दोनों को सम्पत्ति में बराबर का अधिकार दिया गया है।
महिला सुरक्षा को लेकर सरकार लगातार काम कर रही है। राज्यपाल ने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी भी उत्तराखंड के द्वारा की गई। इसके साथ गी मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक भी सफल आयोजन किया गया। उत्तराखंड के कई उत्पादों को जीआई टैग प्राप्त हुआ है।
उत्तराखंड को अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए हो रहा काम
राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि उत्तराखंड को अगले पांच सालों में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल किए जाने की दिशा में सरकार काम कर रही है। बद्रीनाथ धाम को मास्टर प्लान के तहत आगे बढ़ाया जा रहा है। पर्यटन नीति 2023 को मंजूरी दी गई है।
टिहरी में वाटर क्रीड़ा का आयोजन भी किया गया है। शिक्षा विभाग के द्वारा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए काम किए जा रहे हैं। उत्तराखंड बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए बैक पेपर की शुरुआत की गई गई है। मेधावी छात्रों के लिए सरकार के द्वारा छात्रवृत्ति योजना शुरू की गई है।
शिक्षा की गुणवत्ता के लिए सरकार कर रही काम
हमारी सरकार द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में “अपुणों स्कूल अपणों प्रमाण” का अभिनव प्रयास जनपद टिहरी गढ़वाल में किया गया। जिसमें बिना जटिलता के विद्यालय से ही छात्र-छात्राओं को उनके उपयोगार्थ स्थायी निवास, जाति प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र इत्यादि निर्गत किए जाते हैं। जिसकी सफलता को देखते हुये अन्य जनपदों के सरकारी स्कूलों में लागू किये जाने पर कार्य किया जा रहा है।
उत्तराखण्ड ऐसा अग्रणी प्रदेश बन गया है जिसने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की गाइडलाईन के अनुरूप आधारभूत स्तर का राज्य स्तरीय करिकुलम फ्रेमवर्क तैयार किया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत छात्र-छात्राओं को आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करते हुये अनुकूल वातावरण के अन्तर्गत गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान की जा रही है