उत्तराखण्ड
जीएसटी में गलत नीतियों का पुरजोर विरोध करेंगे व्यापारिक संगठन
प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल सोमवार से करेगा आंदोलन की तैयारी
हल्द्वानी। जीएसटी को लेकर सरकार की दोहरी नीतियों का व्यापारिक संगठनों ने पुरजोर विरोध करना शुरू कर दिया है। प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष नवीन वर्मा ने कहा कि जिस सरकार ने खाद्यान्न पर जीएसटी कभी नहीं लगाने की घोषणा की थी, अब उसी सरकार में आज खाद्यान्न पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने की घोषणा कर दिया है। जो कि मध्यम वर्ग के सबसे अधिक मुसीबत खड़ी करने वाली बात है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के समय लगातार व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहने की वजह से काम धंधा नहीं हुआ। बावजूद इसके अधिकांश जिन व्यापारियों ने बैंक लोन लिए थे, उनको राहत नहीं दी गई। न ही उस समय का बैंक ब्याज माफ किया गया, इससे भी व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है।
शनिवार को यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री वर्मा ने कहा कि जीएसटी सर्वे के नाम पर अब व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। प्रदेश सरकार के नुमाइंदे जीएसटी सर्वे के नाम पर अनावश्यक छापेमारी कर रहे हैं। ऐसी नीतियों का व्यापारियों द्वारा पुरजोर विरोध किया जाएगा,साथ ही प्रदेश संगठन जरूरत पड़ने पर व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद कर आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए भी तैयार है। उन्होंने कहा कि जीएसटी के अधिकारियों को बाजार में आकर प्रतिष्ठानों में घुसने नहीं दिया जाना चाहिए। इसके लिए प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है।
श्री वर्मा ने कहा कि सोमवार 25 जुलाई से प्रदेश भर में जीएसटी सर्वे नीति का विरोध किया जाएगा। उन्होंने बताया प्रदेश के सभी जिला एवं नगर इकाइयों से खाद्यान्न में जीएसटी को लागू करने का पुरजोर विरोध करने का आह्वान किया है। व्यापारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले व्यापारी पर दिन प्रतिदिन दबाव बनाकर उनसे ज्यादा टैक्स वसूलने की नीति बनाई जा रही है। जिसे बंद किया जाना चाहिए। किसी भी नगर क्षेत्र में ऐसे सर्वे छापे डालने आए अधिकारियों का घेराव किया जाना चाहिए। इसके लिए नगर व जिला इकाइयों को कहा गया है कि वे आपसी सामंजस्य बनाकर अपने सहयोगी संगठनों के माध्यम से सर्वे छापे का विरोध करें। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस मुहिम को हमारे प्रदेश महामंत्री द्वारा संचालित किया जाएगा,
जो 25 जुलाई उसे प्रदेश संगठन की सभी जिला इकाइयों महानगर इकाइयों द्वारा अपने-अपने जिला महानगर मुख्यालयों पर मीडिया के माध्यम से जीएसटी सर्वे का विरोध करने की नीति को व्यापक रूप से अपने जिले व क्षेत्र में प्रेस वार्ता कर प्रचारित करें। उन्होंने कहा कोरोना के बाद से लगातार व्यापारी अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्रियों से मिलते आ रहा है। लेकिन आज तक व्यापारी समाज की एक भी मांग पूरी नहीं की है। उल्टा अब व्यापारियों को डरा धमका कर टैक्स बढ़ाने की मुहिम चला दी गई है। दूसरी तरफ जीएसटी काउंसिल द्वारा जीएसटी का सरलीकरण करने के बजाय इसे और पेचीदा बना दिया गया है। वर्तमान में 18 जुलाई से खाद्यान्नों पर 5% का टैक्स लगा दिया गया है और अन्य कई वस्तुओं पर टैक्स रेट बढ़ाये जा सकते हैं। जिसका व्यापारी पुरजोर विरोध करेंगे। जरूरत पड़ने पर प्रदेशव्यापी आंदोलन के लिए मैदान में उतरेगे।
पत्रकार वार्ता के दौरान कई जिलों से आए प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिलाध्यक्ष, संस्था के संरक्षक बाबूलाल गुप्ता व अन्य कई पदाधिकारी मौजूद थे।