उत्तराखण्ड
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को मंत्रिमंडल से किया बर्खास्त,आज कर सकते हैं कांग्रेस में वापसी
उत्तराखंड राज्य से बड़ी खबर सामने आ रही है जहाँ कैविनेट मंत्री हरक सिंह रावत को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया है,वहीं भाजपा ने छह साल के लिए निष्कासित।आपको पता है कि राज्य में 14 फरवरी को मतदान होना है। जिसको लेकर राजनीतिक पार्टियां दमखम से तैयारियों में जुटी हुई है। जहा एक ओर तमाम नेता अपने वर्चस्व को बरकरार रखने के लिए जमीन तलाशने में जुटे हुए हैं। तो वहीं, चुनाव से पहले नेताओ के दलबदल का सिलसिला भी जारी है। अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चाओ में रहने वाले हरक सिंह रावत को लेकर एक बार फिर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत आज यानि सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस पार्टी में घर वापसी कर सकते हैं।हरक सिंह रावत की कांग्रेस नेताओं से बढ़ी नजदीकियां और लगातार कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाओं के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा फैसला लेते हुए हरक सिंह रावत को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया है। यही नहीं, भाजपा संगठन ने भी बड़ा निर्णय लेते हुए हरक को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है।दरअसल, हरक सिंह रावत उत्तराखंड के उन कद्दावर नेताओं में शुमार हैं। जो हमेशा से ही पार्टियों को अपने दबाव में रखते रहे हैं। हालांकि, इससे पहले भी अपनी मांगों को लेकर भाजपा संगठन पर कई मर्तबा दबाव बना चुके हैं। लेकिन इस बार भाजपा संगठन पर हरक सिंह रावत का दबाव नहीं चला और भाजपा संगठन ने हरक सिंह रावत को बाहर का रास्ता दिखा दिया।सूत्रों की माने तो वर्तमान समय में हरक सिंह रावत दिल्ली में मौजूद है और चर्चाये है कि आज यानि सोमवार को हरक सिंह रावत, कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। हालांकि, हरक सिंह रावत के साथ ही उनके करीबी भाजपा विधायक उमेश शर्मा “काऊ” भी मौजूद हैं।
बताया जा रहा है कि हरक सिंह रावत अपनी बहू के लिए टिकट की लंबे समय से मांग कर रहे थे कि उनकी बहू अनुकृति गुसाईं को भी टिकट दिया जाना चाहिए। लेकिन भाजपा संगठन ने यह पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि एक परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट दिया जाएगा। जिसके बाद से ही हरक सिंह रावत संगठन से नाराज चल रहे थे।हालांकि, हरक सिंह रावत इससे पहले कोई बड़ा कदम उठाते, भाजपा संगठन और मुख्यमंत्री धामी ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए हरक सिंह रावत को बाहर का रास्ता दिखा दिया।