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उत्तराखण्ड

फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर नौकरी प्राप्त करने वाले आरोपी शिक्षक को चमोली पुलिस ने किया गिरफ्तार

फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर नौकरी प्राप्त करने वाले आरोपी शिक्षक को चमोली पुलिस ने किया गिरफ्तार।

गोपेश्वर (चमोली)। श्री धर्म सिंह रावत जिला शिक्षा अधिकारी गोपेश्वर चमोली द्वारा थाना गोपेश्वर पर आकर तहरीर दी कि श्री शिव कुमार सैनी सहायक अध्यापक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय मेहलचौरी, विकास खण्ड गैरसैंण के द्वारा शैक्षिक प्रमाण पत्रों से छेड-छाड/फर्जी शैक्षिक अंक पत्र के आधार पर राजकीय सेवा में नियुक्ति प्राप्त की गयी है। वादी की तहरीर के आधार पर थाना गोपेश्वर पर तत्काल मु0अ0सं0- 03/25 धारा-318(4)/436(3)/338/340(3) भारतीय न्याय संहिता बनाम शिव कुमार सैनी पंजीकृत किया गया। पुलिस अधीक्षक चमोली श्री सर्वेश पंवार महोदय द्वारा उक्त मामले में त्वरित संज्ञान लेते हुए विवेचना अधिकारी को अवाश्यक दिशा-निर्देश निर्गत किए गए। महोदय के आदेश के अनुपालन में अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु पुलिस टीम की गठन किया गया।

विवेचना के दौरान आवश्यक विभागीय दस्तावेज की जांच में सामने आया कि अभियुक्त शिवकुमार सैनी पुत्र स्वर्गीय रणजीत सिंह सैनी निवासी शिवपुरम पनियाला रोड कोतवाली गंगनहर रुड़की हरिद्वार उम्र 57 वर्ष द्वारा फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर वर्ष 2008 में शिक्षा विभाग में बेसिक शिक्षक के पद पर गैरसैण चमोली में नौकरी प्राप्त की थी जिसे विभाग द्वारा बाद विभागीय जांच के पश्चात बर्खास्त कर दिया गया था। अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु गठित टीम द्वारा संबंधित विभाग से संपूर्ण विभागीय जांच पत्रावली तलब कर अभियुक्त उपरोक्त के सभी बैंक खातों व संपत्ति संबंधी आदि की जानकारी की गयी तो संज्ञान में आया कि अभियुक्त वर्तमान में हरिद्वार थाना गंगनहर रुड़की हरिद्वार क्षेत्र में रह रहा है। दिनांक 05/01/25 को सर्विलांस सेल चमोली द्वारा दी गयी सटीक जानकारी व मुखबिर की सूचना पर गठित पुलिस टीम द्वारा अभियुक्त शिवकुमार सैनी को शिवपुरम पनियाला रोड रुड़की हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया।

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विवेचना के दौरान संज्ञान में आया कि अभियुक्त द्वारा वर्ष 1989 में अपना इंटरमीडिएट का शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनाया गया था। जिसके आधार पर उसके द्वारा वर्ष 2008 में शिक्षा विभाग में बेसिक शिक्षक के रूप में नौकरी प्राप्त की गई थी। पुलिस द्वारा अभियुक्त उपरोक्त के सभी बैंक खातों/फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर पाई गई सरकारी नौकरी के दौरान अर्जित की गई संपत्ति की भी जांच की जा रही है।

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