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उत्तराखण्ड

फटी जीन्स बयान पर मुख्यमंत्री ने मांगी माफी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के मुँह से फटी जीन्स की एक बात निकल क्या गई मुद्दाविहीन विपक्षी दलों ने इसे ही मुद्दा बना डाला। इस बयान की चारों तरफ किरकिरी होने की वजह से मुख्यमंत्री ने ही माफी मांग ली।

ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री द्वारा फटी जीन्स के बयान पर विरोधियों को बयानबाजी करने का मौका मिल गया। उन्होंने इसी बात को लेकर भाजपा को घेरना शुरू कर दिया। इस बात को लेकर उत्तराखंड के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिले। इंटरनेट पर तो महिलाओं ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया है। कोई उनकी सोच पर वार कर रहा था तो कोई बोल रहा है कि हमारे संस्कार फटी जींस के मोहताज नही है। इस लिस्ट में बॉलीवुड के कई बड़े सितारे भी शामिल हैं। वहीं अब एक बड़ी खबर सामने आ रही है। इसके अलावा इस बयान से विवाद इतना बढ़ गया कि संसद में भी इसे लेकर बहस हुई।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मांफी मांगी है। उनका कहना है कि ये संस्कारों के परिपेक्ष्य में था। जिसकों जो पहनना है वो पहन सकता है। उन्होंने कहा कि मुझे जींस से नहीं, फटी जींस से ऐतराज है। जींस तो मैं खुद भी पहना करता था लेकिन अब किसी को ऐसे ही पहनना है तो मैं क्या कर सकता हूं? किसी को मेरे कहने से बुरा लगा तो मै क्षमा चाहता हूं। उन्होंने कहा कि मैं एक सामान्य ग्रामीण परिवार से राजनीति में आया हूं। स्कूल के दिनों में जब हमारी पैंट फट जाया करती थी तो अनुशासन और गुरु जी के डर से हम उस पर टैग लगा दिया करते थे लेकिन मौजूदा वक्त में बच्चा बच्चा 4000 या 2000 की जींस लेता है, वो पहले देखता है कि जींस फटी है कि नहीं। अगर फटी नहीं है तो वह घर जाकर उस पर कैंची चला देता है और बयान भी इसी के संदर्भ में था। उन्होंने कहा कि मेरी भी बेटी है और ये बात उसपर भी लागू होती है।

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इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री की पत्नी रश्मि रावत ने उनका बचाव किया था। उनका कहना है कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर दिखाया जा रहा है। उनके कहने का मतलब था कि महिलाओं की भागीदारी समाज और देश के निर्माण में अभूतपूर्व है। हमारे देश की महिलाओं के कंधों पर ही यह जिम्मेदारी है कि वह हमारी सांस्कृतिक धरोहर को बचाएं, हमारी पहचान को बचाएं, हमारी वेशभूषा को बचाएं।’

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