उत्तराखण्ड
मुख्यमंत्री तीरथ के कार्यों की प्रशंसा
प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत वास्तव में ईमानदार और कर्मठ हैं वह किसी भी प्रकार से गलत निर्णय कभी नहीं ले सकते और न कभी लेंगे। इस बात की चर्चा आम जन मानस में होने लगी है। मुख्यमंत्री पदभार संभालने के बाद सर्ब प्रथम तीरथ ने कुम्भ की व्यवस्थाएं, फिर गैरसैंण तीसरे मंडल की घोषणा को वापस लेने के फैसले के साथ ही जनहित में कार्य करने शुरू कर दिये हैं।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आज जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद में निर्देश दिए कि हर हाल में ‘सरकार जनता के द्वार’ परिकल्पना को साकार किया जाए। निर्देश दिए गए कि अधिकारियों का जनप्रतिनिधियों के साथ लगातार संवाद रहना चाहिए। उन्होंने कहा जनता से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दी जाए। जिनसे लोगों को सीधा लाभ मिले। जनता की समस्याओं का तत्काल समाधान हो इसके लिए बहुद्देशीय शिविरों का आयोजन किया जाए। आगामी गर्मियों के सीज़न को देखते हुए निर्देश दिए कि लोगों को पेयजल की दिक्कत न हो। इसके लिए ज़रूरी होने पर वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी कर ली जाएं। शिक्षा हमारे लिए टाप प्रायोरिटी पर है। इसलिए यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि अगले 6 माह में सभी स्कूलों में पेयजल, शौचालय, फर्नीचर, बिजली आदि सभी सुविधाएं सुलभ हों। इसके लिए बजट की कोई कमी नहीं है। साथ ही जिलाधिकारियों से कहा गया कि ई-गवर्नेस का प्रभावी क्रियान्वयन करें ताकि लोगों को वास्तव मे इसका लाभ मिले। छोटी-छोटी सेवाओं के लिए जनता परेशान न हो। जिलों में महत्वपूर्ण घटनाएं होने पर सरकार और शासन को जरूर अवगत कराएं। कोविड काल में लाकडाऊन के समय लोगों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए। उन्होंने गैरसैंण तीसरे मंडल की घोषणा को भी खारिज कर लिया है।