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उत्तराखण्ड

सीएमओ ने अस्पतालों व उपकेंद्रों का किया गया निरीक्षण, कार्य में लापरवाही बरतने पर तीन चिकित्सा अधिकारियों दो एएनएम, नर्सिंग अधिकारी व सीएचओ का रोका वेतन

चंपावत मे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में अब लापरवाह डॉक्टरों एवं ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की खैर नहीं है। नवागत सीएमओ डॉ देवेश चौहान ने अपना कार्यभार ग्रहण करने के बाद पूरे जिले की चिकित्सा और स्वास्थ्य व्यवस्था को समझने तथा व्यवस्थाओं को ठीक करने के लिए औचक निरीक्षण करना शुरू कर दिया है। सीएमओ समेत अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ इंद्रजीत पांडे तथा एनएचएम की टीम द्वारा पीएचसी बाराकोट, खेतीखान, भिगराडां, ईजडां, स्वाला, चौड़ा मेहता तथा एनएचएम की टीम ने उप केन्द्रों धुनाघाट, जनकांडे, कजीना, मुलाकोट, चौडांकोट का औचक निरीक्षण कर वहां कई खामियां पाई गई।इस दौरान सीएमओ तथा अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा लोगों से भी पूछताछ की गई कि उन्हें चिकित्सा सुविधा मिल रही है या नहीं ? नहीं मिल रही है तो इसकी वजह क्या है ? सीएमओ का स्पष्ट कहना था कि शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को चिकित्सा सुविधाएं देने के लिए सभी प्रकार की व्यवस्थाएं की गई है। इसके बावजूद भी यदि लोगों तक वह सुविधा नहीं मिलती है तो उनकी उपस्थिति का लोगों को क्या लाभ मिलता है ? भ्रमण के दौरान उन्होंने चिकित्सालयों को साफ सुथरा रखने के साथ वहां की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने का भी जायजा लिया। तथा लोगों से कहां वे चिकित्सालय व एएनएम केन्द्र समय से खुलते है या नहीं ? इसकी उन्हें समय समय पर जानकारी दिया करें साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि ग्रामीण स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों एवं डॉक्टरों के विरुद्ध तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जाएगी। सीएमओ के इस एक्सन से स्वास्थ्य कर्मियों एवं चिकित्सकों में हड़कंप मचा हुआ है।

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