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हल्द्वानी की सड़कों पर अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर उतरे कांग्रेसी,दिया ज्ञापन
हल्द्वानी में आज कांग्रेसी अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर एक बार से सड़कों पर उतरे और कांग्रेस के द्वारा हल्द्वानी एसडीएम कोर्ट में जाकर ज्ञापन प्रेषित किया गया बता दे कि अंकिता भंडारी के माता पिता द्वारा अंकिता की हत्या के मामले में जिलाधिकारी पौड़ी को पत्र लिखकर कुछ गंभीर खुलासे करते हुए वीआईपी के रूप में आरएसएस के वरिष्ठ नेता अजय कुमार का नाम लिया गया है। इसके अतिरिक्त उन्होंने अंकिता के केस की पैरवी कर रहे वकीलों पर सरकार की ओर से दबाव बनाए जाने के प्रमाण भी दिए हैं।
सरकार द्वारा अभी तक रिसॉर्ट पर जेसीबी चलाने के आदेश देने वाली यमकेश्वर विधायक रेणु बिष्ट और एसडीएम प्रमोद कुमार के खिलाफ भी कारवाई न करने से भी सरकार की मंशा स्पष्ट होती है। अंकिता हत्याकांड का खुलासा होने के बाद रिसोर्ट पर जेसीबी चलना और दो बार आग लगना इस बात को बताता है कि यह सोची समझी साजिश और षड्यंत्र के तहत महत्पूर्ण साक्ष्य और सबूत को मिटाने के लिए किया गया था। धामी सरकार ने ही रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलवाया इसके पुख्ता प्रमाण उत्तराखंड कांग्रेस के पास है। जबकि साक्ष्य और सबूत मिटाना एक संगीन अपराध है। उत्तराखंड में भाजपा की सरकार ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में शुरू से ही कोताही बरती है और तरह तरह के हथकंडे अपना कर इस पूरे मामले को कमजोर करने का प्रयास किया है।
अतः हम आपके माध्यम से महामहिम राज्यपाल को इस आशा और अपेक्षा से ज्ञापन प्रेषित कर रहे हैं की अंकिता भंडारी के पिता द्वारा जिलाधिकारी पौड़ी को लिखी गई चिट्ठी का संज्ञान लिया जाए और उसमें उनके द्वारा जो गंभीर आरोप लगाए गए हैं उनकी उच्च स्तरीय न्यायिक जांच सिटिंग हाई कोर्ट के जज की निगरानी में कराई जाए ताकि डेढ़ साल से अंकिता भंडारी हत्याकांड में उत्तराखंड के जनमानस में जो कौतूहल की स्थिति बनी हुई है उसका पटाक्षेप हो सके।