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साइबर ठगों ने विश्वविद्यालय की महिला असिस्टेंट प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट बताकर लाखो रुपये ठगे

देहरादून। एक निजी विश्वविद्यालय की महिला असिस्टेंट प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट बताकर साइबर ठगों ने 18.50 रुपये ठग लिए। महिला को आरोपियों ने तीन महीने तक डिजिटल अरेस्ट बताकर ठगी की। इस दौरान महिला को घर से निकलने दिया गया, लेकिन किसी को इस बारे में जिक्र करने पर गिरफ्तार करने की बात कही गई। शिकायत पर कैंट कोतवाली पुलिस ने को केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रिया कुमारी सिंह पंडितवाड़ी में रहती हैं। उन्होंने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि जनवरी 2025 के आखिर में उन्हें एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया और दावा किया कि उनके आधार कार्ड का उपयोग अवैध गतिविधियों जैसे किसी अन्य महिला को ब्लैकमेल करने के लिए सिम कार्ड लेने में किया गया है। शुरुआत में डॉ. प्रिया ने इसे फर्जी कॉल समझकर नजरअंदाज किया। बार-बार कॉल और दबाव बनाने पर वह डर गईं। ठगों ने वीडियो कॉल के जरिए उन्हें इस मामले से बचाने की बात कही। इसके बाद ठगों ने कहा कि उन्होंने डीबी स्टॉक केस में डॉ. प्रिया का नाम जोड़ा। डराया कि उनके दस्तावेज से खुले खाते में इस केस में रकम का लेनदेन हुआ। ठगों ने फर्जी दस्तावेज भेजकर डिजिटल अरेस्ट किए जाने की बात कहकर डॉ. प्रिया को डराया। इसके बाद ठगों ने उन्हें हर दो घंटे में अपनी गतिविधियों और स्थान की जानकारी देने के लिए मजबूर किया। खुद को वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बताने वाली एक महिला भी वीडियो कॉल पर डरातीं।कैंट इंस्पेक्टर केसी भट्ट ने बताया कि पीड़ित महिला प्रोफेसर की शिकायत पर अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच की जा रही है

