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उत्तराखण्ड

उत्तराखंड की नेलांग घाटी में बर्फ से बना शिवलिंग, अमरनाथ जैसे दर्शन अब यहीं संभव

देहरादून से बड़ी खबर सामने आई है। अब बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को जम्मू कश्मीर तक का सफर तय नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि उत्तराखंड में भी अमरनाथ जैसे ही दर्शन संभव हो गए हैं। उत्तरकाशी जिले की नेलांग घाटी में बर्फ से बने एक शिवलिंग की आकृति मिली है। खास बात ये है कि इस शिवलिंग के पास ही बर्फ से नंदी जैसी एक और आकृति भी दिखाई दी है। इस अद्भुत नजारे की खोज राज्य आपदा मोचन बल यानी एसडीआरएफ की टीम ने की है।

बताया जा रहा है कि एसडीआरएफ की टीम नेलांग घाटी में पर्वतारोहण अभियान पर निकली थी। इस दौरान टीम को करीब 4300 मीटर की ऊंचाई पर ये अनोखी आकृति नजर आई। अमरनाथ जैसे आकार में बने बर्फीले शिवलिंग को देख टीम के सदस्य हैरान रह गए। उस शिवलिंग के पास बर्फ से बनी नंदी की आकृति ने पूरे वातावरण को एक अलग ही आध्यात्मिक एहसास से भर दिया।

दरअसल राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्रैकिंग और एडवेंचर गतिविधियों के लिए नए ठिकाने खोजने के निर्देश दिए थे। इसी के तहत एसडीआरएफ की टीमें उन इलाकों में भेजी जा रही हैं जहां अभी तक कोई इंसानी गतिविधि नहीं हुई है। इसी क्रम में 5 अप्रैल को एसडीआरएफ की 20 सदस्यीय टीम नेलांग घाटी के दुर्गम इलाकों की ओर रवाना हुई थी। टीम का मकसद राज्य में ट्रैकिंग के नए विकल्प तलाशना था।

यह टीम नीलापानी नामक क्षेत्र में 6054 मीटर ऊंची एक अज्ञात चोटी तक पहुंची। यह जगह अब तक किसी भी पर्वतारोही ने नहीं छुई थी। इसी चढ़ाई के दौरान करीब 4300 मीटर की ऊंचाई पर बर्फ से बने शिवलिंग और नंदी जैसे स्वरूप नजर आए। इस दृश्य को देखकर टीम के सदस्य भावविभोर हो उठे।

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एसडीआरएफ ने दावा किया है कि यह बर्फीला शिवलिंग अमरनाथ गुफा में बनने वाले शिवलिंग जैसा ही है। हालांकि अमरनाथ गुफा 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जबकि यह आकृति उससे भी ऊंचाई यानी 4300 मीटर पर मिली है। टीम ने इस पूरी जानकारी को राज्य सरकार को सौंप दिया है।

एसडीआरएफ के सेनानायक अपर्ण यदुवंशी ने बताया कि यह अभियान 5 अप्रैल को शुरू हुआ था और 2 मई को पूरा हुआ। इस अभियान को उन्होंने फ्लैग इन और फ्लैग ऑफ के साथ संपन्न किया। उन्होंने कहा कि इस खोज ने अभियान को एक आध्यात्मिक दिशा भी दी है जो हर सदस्य के लिए बेहद खास अनुभव रहा।

अब एसडीआरएफ ने इस अनाम पर्वत का नामकरण करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। टीम ने इसका नाम माउंट सिंदूर रखने का प्रस्ताव दिया है। यह नाम उन लोगों की याद में रखा जाएगा जिन्होंने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में अपनी जान गंवाई थी।

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