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उत्तराखण्ड

नगर पंचायत को तत्काल पालिका का दर्जा देने की मांग, मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

भीमताल। नगर पंचायत का गठन सन् 1972 में हुआ था, 5 वर्ष पूर्व सरकार ने भीमताल नगर पंचायत का परिसीमन कर आस-पास के कई गांवों को नगर में मिला लिया। वॉर्ड 7 से बढ़कर 9 हो गए किंतु नए वार्डों के लिए बजट एवं कर्मचारियों की कमी के कारण इन वार्डो के विकास कार्यों के लिए योजना तक तैयार नहीं हो पा रही है। नगर प्रशासन के लिए भी नए वार्डो की व्यवस्था संभालना मुश्किल हो रहा है। जिससे नवनिर्वाचित वार्डों की जनता काफी परेशान हैं।

अपने नगर क्षेत्र की मुख्य परेशानी को देखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता पूरन चंद्र बृजवासी ने पूर्व में भी पालिका का दर्जा लागू करने के लिए उत्तराखण्ड शासन-प्रशासन मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, कैबिनेट मंत्रियों , शहरी विकास सचिव, सांसद, विधायक एवं जिला प्रशासन को कई पत्र लिखे किंतु समाधान नहीं हुआ।

उन्होंने माँग करते हुए नगर पंचायत की जनसंख्या पालिका के मानकों के मुताबिक सही बताई है। जिसके आधार पर ही सरकार के द्वारा परिसीमन किया गया था लेकिन पालिका का दर्जा लिखित तौर पर न दिए जाने से नये वॉर्ड शहरी विकास योजना से कोसों दूर है।

बृजवासी ने आज फिर पुनः राज्य के मुख्यमंत्री को जिला विकास अधिकारी गोपाल गिरी गोस्वामी द्वारा ज्ञापन भिजवाया और मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से तत्काल नगर पंचायत भीमताल को लिखित पालिका का दर्जा दिए जाने कि मांग की है।

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