उत्तराखण्ड
पशुपालन विभाग: न स्टाफ न संसाधन,कैसे दुगुनी होगी आमदनी
हल्द्वानी। उत्तराखंड सरकार के द्वारा कृषि और पशुपालन के माध्यम से किसानों की आय दोगुनी करने की बात की जा रही है। लेकिन किसानों की आमदनी का मुख्य जरिया पशुपालन विभाग इन दिनों स्टाफ और संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। आखिर सरकार का दावा कैसे पूरा होगा जब स्टाफ और संसाधनों की कमी रहेगी।
मिली जानकारी के अनुसार कुमाऊं मंडल में पशुपालन विभाग में 1382 पद स्वीकृत है, लेकिन 973 कर्मचारी ही काम कर रहे हैं। पशुपालन विभाग के कुमाऊं मंडल में कर्मचारी और संसाधनों की भारी कमी देखी जा रही है। पशुपालन विभाग में रिक्त पदों के लिए हर महीने एमपीआर निदेशालय को भेजा जाता है। पदों की स्वीकृति शासन स्तर पर की जानी है। बात पशु चिकित्सक ग्रेड-2 कर्मचारी की करें तो मंडल में 120 पद स्वीकृत हैं, लेकिन 102 कर्मचारी ही काम कर रहे हैं, जबकि 21 पद खाली हैं। प्रसार अधिकारी के 44 पदों में 28 कर्मचारी काम कर रहे हैं, जबकि 17 पद अभी भी खाली हैं।वहीं इस मामले में पशुपालन मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि स्टाफ और संसाधनों की कमी का मामला उनके संज्ञान में आया है, लिहाज़ा पदों को जल्द भरने का काम किया जाएगा।