उत्तराखण्ड
बेजान में रंग भर जान डाल देती है नंदन की पेंटिंग
प्रतिभा आखिर अपनी पहचान बना ही लेती है। ये अलग बात हैं कि पहचान के संकट से गुजरते-गुजरते कलाकार सैकड़ो थपेड़े खाकर गिरता है, उठता है और फिर चल पड़ता हैं अपने सपनों को सजाने, सवारने। तब जाकर कही कला अपनी चमक विखेरने के योग्य हो पाती है।
ऐसी ही एक प्रतिभा के मालिक है जनपद बागेश्वर के सुदूर गांव लेटी के 40 वर्षीय नंदन सिंह दयारकोटी, जिनके हाथों में रंगों से सजी रहती कोई ना कोई चित्र जो इतनी सटीक होती है कि गौर से देखने पर लगता है कि अब ये बोलने वाली हैं। अपने फन का माहिर ये फनकार एक बार ही चित्रो को देखने पर अपने दिमाग में उसकी तस्वीर बना लेता है। और फिर चंद मिनटों में एक बोलती तस्वीर हमारे सामने होती है। चारकोल, वैक्स, आयल,ऐक्रेलिक, ग्रेफाइट आदि प्रकार के पेंटिंग को बनाने में नंदन को महारत है। कैनवास पर ये हाथ इतने स्वतंत्रता पूर्वक चलते है ऐसा लगता है जैसे मिट्टी पर रेखाए खिंच रहे हो। कल्पनाओं, रंगो और रेखाओं के अदभुत संयोजन देखने को मिलता है नंदन की पेंटिंग में। चित्रों में इतनी संजदगी रहती है कि चेहरे के हर हाव्-भाव उकेरा हुआ व प्रत्यदर्श नज़र आता है।
रोज़ी रोटी के जुगाड़ ने आम पहाड़ियों की तरह इस कलाकार को भी घर छोड़ने को मजबूर किया हैं।राजस्थान राज्य की जयपुर में नंदन अब पूरी तरह अपनी कला के प्रति समर्पित है। प्राइवेट कंपनी की नौकरी छोड़कर अगर कही से आर्थिक सहायता मिले तो ये फनकार पूर्ण रूप से रंगो से खेलना चाहता है। जयपुर की आर्ट गैलरी में इनकी पेंटिंग कई बार लग चुकी है। पर्यटकों के द्वारा इसको काफी सराहा जाता है। अगर यही मौका इनको अपने राज्य उत्तराखंड में मिलता तो निश्चित ही हमारी भावी पीढ़ी को इससे प्रेरणा मिलती और सीखने को मिलता एक नया अनुभव,
पर्यटन, तीर्थाटन वाले राज्य उत्तराखंड में इस प्रकार की कला की विविधता जहा पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती और साथ में रोजगार के अवसरो में वृद्धि होती। ऐसे ही छोटे-छोटे प्रयासों से राज्य से पलायन कम किया जा सकता हैं। यह दुःखद विषय है किसी भी सरकारों ने इन जैसे प्रतिभाशाली कलाकारों की कद्र करना अपना राजधर्म नही समझा। कल्याणकारी राज्य की अवधारणा में शासकों, सरकारों व इसके दूसरे अंगों को ब्रेन ड्रेन(प्रतिभा पलायन) को बचाने के प्रयास अवश्यमेव करना चाहिए। नंदन सोशल मीडिया से भी लोगो की कलात्मक जिज्ञासा, मांग को शांत कर रहे है। कई लोग अपने बड़ो, प्रियजनों, बच्चों, रिश्तेदारों, आदि के चित्र इनसे बनवाते रहते है।
कोई भी सरकारी , गैर सरकारी संगठन अगर इस दिशा में थोड़ी पहल करे तो इस होनहार कलाकार को मंज़िल तक पहुचने में मुश्किल नही होगी। इस प्रकार हम कला को सम्मान भी दिला पायंगे।
इस कलाकार से आप भी रंगों की खूबसूरत ज़िन्दगी से जुड़ सकते है और अपनी मनपसंद पेंटिंग,प्रियजनों, रिस्तेदारो की बोलती तस्वीर बनवा सकते है। जयपुर आर्ट गैलरी में इनसे इस नंबर 7976968028 पर सीधी बात की जा सकती है।
प्रेम प्रकाश उपाध्याय ‘नेचुरल
बागेश्वर, उत्तराखंड
(स्वतंत्र लेखन, अध्यापन एवं चिंतक)