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उत्तराखण्ड

विभाग की चेतावनी के बाद भी प्रशासन ने चारधाम यात्रा की हटाई रोक,अब फिर शुरू हुई यात्रा

उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन के चलते बनी आपदा जैसी स्थिति के बावजूद प्रशासन ने चारधाम यात्रा पर लगी अस्थायी रोक को महज 24 घंटे के भीतर हटा दिया है। शनिवार, 29 जून को मौसम बिगड़ने पर यात्रा पर अस्थायी विराम लगाया गया था, लेकिन रविवार को गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने यात्रा बहाल करने के आदेश जारी कर दिए। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब भारतीय मौसम विभाग ने राज्य के कई हिस्सों में बेहद भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है।

मौसम विभाग के मुताबिक, राज्य में 7 से 20 सेंटीमीटर तक बारिश की संभावना है। देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने साफ कर दिया है कि कई जिलों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश, आंधी-तूफान और बिजली गिरने की घटनाएं हो सकती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने एहतियातन सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को एक दिन के लिए बंद रखने के आदेश दिए हैं।

चारधाम यात्रा यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम की होती है, जो उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जैसे पर्वतीय और संवेदनशील जिलों में स्थित हैं। इन इलाकों में लगातार बारिश से जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है और गाड़-गदेरे उफान पर हैं। इसके बावजूद प्रशासन ने जिलाधिकारियों को स्थानीय मौसम स्थिति को देखते हुए यात्रा को रोकने या चालू रखने का निर्णय लेने की छूट दी है।

गढ़वाल कमिश्नर ने यह भी निर्देश दिए हैं कि अगर कहीं मौसम ज्यादा खराब हो, तो यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोकने की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री और मौसम विभाग दोनों लगातार तीर्थयात्रियों और आम लोगों से सतर्क रहने की अपील कर रहे हैं।

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सवाल उठता है कि जब राज्य में मौसम विभाग की ओर से रेड अलर्ट जारी है, तो चारधाम जैसे संवेदनशील मार्गों पर यात्रा को फिर से शुरू करना कितना सुरक्षित है। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है और किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है।

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