उत्तराखण्ड
गोष्ठी में गन्ना कृषकों को दी विस्तार से जानकारी
काशीपुर। गन्ना विकास आयुक्त हंसा दत्त पाण्डे की अध्यक्षता में प्रदेश स्तरीय गन्ना कृषकों की गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें गन्ना की खेती को और अधिक बढ़ावा देने के लिए किसानों को विस्तार से जानकारी दी गई।
आयुक्त गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग के आवासीय परिसर में आयोजित गोष्ठ के दौरान श्री पाण्डे ने बताया कि गन्ना विभाग में पारदर्शी प्रक्रिया अपनायी जा रही है। किसानों को एसएमएस के माध्यम से पर्ची जारी की जा रही है। इससे कृषकों को काफी सुविधा हो रही है। उन्होंने कहा कि हर कृषक जैविक खेती करें क्योंकि भविष्य जैविक कृषि का है। किसान खेत में गोबर की खाद डालें तथा जैविक रसायन का प्रयोग करें।
इस दौरान उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद शाहजहांपुर के संयुक्त निदेशक डॉ. सुभाष चन्द्र सिंह ने बताया कि किसान गन्ने की खेती करने से पहले खेत का समतलीकरण करें। मृदा परीक्षण के आधार पर भूमि के पोषक तत्व का प्रबन्धन करें। हरी खाद का प्रयोग करें। नमी मापक यंत्र द्वारा मृदा में नमी परीक्षण के पश्चात सिचाई करें। खरपतवार नियंत्रण पर विशेष ध्यान दें। गन्ने के साथ अंतः फसली कृषि करें। उन्होंने जैविक कृषि पर भी प्रकाश डाला। गन्ना शोध केन्द्र मुजफ्फरनगर के वैज्ञानिक डॉ. ओएस जोशी ने गन्ने की प्रजाति 0238 के बदलाव की बात की। उन्होंने कहा कि इसमें रेडराट दिख रहा है। अतः गन्ना कृषकों को 0118 को 15023 तथा कौ. लख. 14201 पर विशेष ध्यान दें।
गोष्ठ में डॉ. यशवीर सिंह ने गन्ने में होने वाली विभिन्न बीमारियों एवं उसके निदान पर प्रकाश डाला। गोष्ठी में संयुक्त गन्ना एवं चीनी आयुक्त हिमानी पाठक, प्रचार एवं जनसम्पर्क अधिकारी नीलेश कुमार हरिद्वार, देहरादून एवं ऊधमसिंह नगर के सहायक गन्ना आयुक्त सहित गन्ना किसान एवं गन्ना विकास विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहें।