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हल्द्वानी में कांग्रेस बीजेपी का सीधा मुकाबला
मीनाक्षी
नगर निगम हल्द्वानी में मेयर पद के लिए चुनाव इस बार बेहद रोचक रहा। पहले मेयर की ओबीसी, फिर सामान्य सीट ने सियासत के तेवर बदल दिए। जो नेता पहले दाबेदार थे। वह आम हो गए। नए नेता चुनावी समर में कूद गए। 12 नेताओं ने नामांकन कराया। दो की नाम वापसी से राजनीति की चाल फिर बदल गई। 10 नेताओं ने मेयर बनने के लिए खूब पसीना बहाया। लोगों की चौखट में पहुंच वोट भी मांगे। सभाएं कीं और सोशल मीडिया में प्रचार किया।ठीक मतदान के दिन भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी ही मुकाबले में दिखाई दिए। अधिकांश बूथों पर भाजपा और कांग्रेस नेताओं के बस्ते ही दिखाई दिए। दोनों दलों के समर्थकों ने अपने नेताओं के लिए लोगों से बोट देने की अपील की। निर्दलीय और अन्य दलों के नेता भी मतदान केन्द्रों में पहुंचे और लोगों से वोट देने की अपील की। लेकिन उनके बस्ते गायब दिखे। उनके समर्थक भी बूथों में बेहद कम नजर आए।
पार्षद प्रत्याशी रहे चर्चा में
हल्द्वानी नगर निगम में 289 बूथों पर गुरुवार को मतदान हुआ। चुनाव में शहर के अधिकांश बूथ में वोटरों को लाने के लिए पार्षद पद के प्रत्याशियों ने काफी मेहनत की। सुबह सात बजे से देर शाम तक वह बूथ के बाहर अपने बस्ते के साथ डटे रहे। बूों में भी पार्षद पद के प्रत्याशी अपने बस्ते के साथ दिखाई दिए।
वोटरों ने नेता और अफसरों को कोसा
इस बार नगर निगम में मेयर पद के लिए कड़ा मुकाबला होने के चलते वोटर बड़ी संख्या में वोट देने पहुंचे। लेकिन कई लोगों को बूथ में पहुंचकर मायूसी मिली। मतदाता सूची में उनका नाम नहीं होने उन्हें वोट नहीं देने दिया गया। इस वजह से वह वापस घरों को लौट गए। नगर पालिका इंटर कॉलेज काठगोदाम में पार्षद प्रत्याशी सिमरन ने बताया कि सुबह 8 से 12 बजे तक 100 से ज्यादा लोग बगैर वोट दिए घरों को लौट गए। सभी ने इसके लिए नेताओं और अफसरों को जिम्मेदार बताया।ये प्रत्याशी मैदान में
गजराज बिष्ट भाजपा, ललित जोशी कांग्रेस, शिव गणेश बसपा, मोहन कांडपाल यूकेडी, दीप चन्द्र पांडे, नवीन चन्द्र, भुवन चन्द्र पांडे, मनोज कुमार आर्य, मनोज कुमार मन्नू और आरपी सिंह निर्दलीय।